नई दिल्ली: पहलगाम में हुई आतंकी घटना और फिर हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीजफायर को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेर रही है। वह सरकार से लगातार सवाल कर रही है। बुधवार को कांग्रेस ने सरकार और पीएम मोदी पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि देश को ऐसे नेतृत्व ने संभाला है, जो हर मोर्चे पर झुकता है, डरता है और सवालों से भागता है।
कांग्रेस की ओर से यह हमला पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने किया। खेड़ा का आरोप है कि बीजेपी और संघ की राजनीति ने देश को ऐसे नेता दिए हैं, जिनमें न तो फैसला लेने की ताकत है और न ही जवाबदेही की भावना। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि पिछले 11 सालों में बीजेपी जिस ‘मुकद्दर का सिकंदर’ की स्क्रिप्ट लिख रही थी, वो परदे पर आते-आते ‘नरेंद्र का सरेंडर’ बन गई।
भाषण से नहीं चरित्र से आती है बहादुरीगौरतलब है कि इससे पहले भोपाल में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पीएम मोदी पर सरेंडर का इल्जाम लगा चुके थे। खेड़ा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बहादुरी भाषणों से नहीं, चरित्र से आती है और यही चरित्र देश की नीति में नजर नहीं आता।
ट्रंप के एक फोन पर कर दिया सीजफायरखेड़ा ने एक बड़ा आरोप कांग्रेस ने पाकिस्तान से जुड़ी घटना को लेकर लगाया। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान को जमीन पर पीछे धकेलकर निर्णायक बढ़त बनाई थी, तभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन पर पीएम मोदी ने सीजफायर के लिए हामी भर दी। खुद ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत को ट्रेड के मुद्दे पर धमकाकर सीजफायर कराया।
ट्रंप के बयान का खंडन तक नहींकांग्रेस ने तीखा सवाल करते हुए कहा कि आज तक पीएम मोदी ने ट्रंप के इस बयान का खंडन तक नहीं किया। क्या यही है भारत की विदेश नीति, जो सिर्फ तस्वीरें खिंचवाने और विदेश दौरे करने तक सीमित रह गई है? वहीं चीन और नेपाल को लेकर भी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए।
नेपाल में बढ़ रहीं एंटी-इंडिया भावनाएंकांग्रेस का कहना है कि जहां एक समय नेपाल भारत का सबसे करीबी सहयोगी था, वहीं अब वहां एंटी-इंडिया भावनाएं बढ़ रही हैं और चीन के साथ उसकी नजदीकियां गहराती जा रही हैं। कांग्रेस ने इसे बड़ी कूटनीतिक विफलता करार दिया। जबकि चीन को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि चीन के मामले में सरकार का रवैया चुप रहो और क्लीनचिट दो का हो गया है।
चीन का नाम तक लेने से डरती है सरकारकांग्रेस ने आगे कहा कि जब देश की जमीन पर कब्जा होता है, तो हमारी सरकार चीन का नाम तक लेने से डरती है। इससे दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान हुआ है। विदेश नीति की विफलताओं की कड़ी में कांग्रेस ने एडीबी और आईएमएफ जैसी संस्थाओं का भी जिक्र किया। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एडीबी के अध्यक्ष मसातो कांडा से मिले और सिर्फ तीन दिन बाद एडीबी ने पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर का लोन दे दिया।
भारत ने विरोध तक नहीं कियापवन खेड़ा ने आगे कहा कि इसी तरह आईएमएफ ने तो भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी और भारत इसका विरोध तक नहीं करा सका। इसी तरह से कांग्रेस ने कुवैत दौरे का उदाहरण देते हुए भी सरकार पर हमला बोला। खेड़ा ने कहा कि हाल ही में भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 27 मई को कुवैत में था, उसी दौरान अगले ही दिन कुवैत ने पाकिस्तान के लोगों के लिए फिर से वीजा देना शुरू कर दिया, जिस पर पिछले 19 साल प्रतिबंध लगा हुआ था।
कूटननीतिक नाकामी का उदाहरणकांग्रेस का कहना था कि यह घटना भारत की कूटनीतिक नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। कांग्रेस ने कटाक्ष किया कि सरकार ‘विश्वगुरु’ बनने का दावा करती है, लेकिन जमीन पर उसका प्रभाव इतना कमजोर है कि हमारे विरोधी देश आराम से वैश्विक संस्थाओं से मदद लेते हैं और भारत सिर्फ देखता रह जाता है।
भारत सिर्फ डायलॉग सुन रहादेश की आंतरिक स्थिति पर बात करते हुए कांग्रेस ने कहा कि आज भारत सिर्फ डायलॉग सुन रहा है, डिलीवरी नहीं देख रहा। काले धन की वापसी, रोजगार सृजन, किसानों की आमदनी दोगुनी करने जैसे वादे सिर्फ भाषणों में ही जिंदा हैं। असलियत में हर मोर्चे पर सरकार ने ‘सरेंडर’ किया है। खेड़ा ने निशाना साधते हुए कहा कि अब वक्त है कि सरकार भाषण देना बंद करे और सवालों के जवाब दे। विपक्ष देश की जनता की आवाज है और जब तक जवाब नहीं मिलते, यह संघर्ष जारी रहेगा।
कांग्रेस की ओर से यह हमला पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने किया। खेड़ा का आरोप है कि बीजेपी और संघ की राजनीति ने देश को ऐसे नेता दिए हैं, जिनमें न तो फैसला लेने की ताकत है और न ही जवाबदेही की भावना। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि पिछले 11 सालों में बीजेपी जिस ‘मुकद्दर का सिकंदर’ की स्क्रिप्ट लिख रही थी, वो परदे पर आते-आते ‘नरेंद्र का सरेंडर’ बन गई।
भाषण से नहीं चरित्र से आती है बहादुरीगौरतलब है कि इससे पहले भोपाल में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पीएम मोदी पर सरेंडर का इल्जाम लगा चुके थे। खेड़ा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि बहादुरी भाषणों से नहीं, चरित्र से आती है और यही चरित्र देश की नीति में नजर नहीं आता।
ट्रंप के एक फोन पर कर दिया सीजफायरखेड़ा ने एक बड़ा आरोप कांग्रेस ने पाकिस्तान से जुड़ी घटना को लेकर लगाया। उन्होंने कहा कि जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान को जमीन पर पीछे धकेलकर निर्णायक बढ़त बनाई थी, तभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फोन पर पीएम मोदी ने सीजफायर के लिए हामी भर दी। खुद ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत को ट्रेड के मुद्दे पर धमकाकर सीजफायर कराया।
ट्रंप के बयान का खंडन तक नहींकांग्रेस ने तीखा सवाल करते हुए कहा कि आज तक पीएम मोदी ने ट्रंप के इस बयान का खंडन तक नहीं किया। क्या यही है भारत की विदेश नीति, जो सिर्फ तस्वीरें खिंचवाने और विदेश दौरे करने तक सीमित रह गई है? वहीं चीन और नेपाल को लेकर भी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए।
नेपाल में बढ़ रहीं एंटी-इंडिया भावनाएंकांग्रेस का कहना है कि जहां एक समय नेपाल भारत का सबसे करीबी सहयोगी था, वहीं अब वहां एंटी-इंडिया भावनाएं बढ़ रही हैं और चीन के साथ उसकी नजदीकियां गहराती जा रही हैं। कांग्रेस ने इसे बड़ी कूटनीतिक विफलता करार दिया। जबकि चीन को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि चीन के मामले में सरकार का रवैया चुप रहो और क्लीनचिट दो का हो गया है।
चीन का नाम तक लेने से डरती है सरकारकांग्रेस ने आगे कहा कि जब देश की जमीन पर कब्जा होता है, तो हमारी सरकार चीन का नाम तक लेने से डरती है। इससे दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान हुआ है। विदेश नीति की विफलताओं की कड़ी में कांग्रेस ने एडीबी और आईएमएफ जैसी संस्थाओं का भी जिक्र किया। कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि 1 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एडीबी के अध्यक्ष मसातो कांडा से मिले और सिर्फ तीन दिन बाद एडीबी ने पाकिस्तान को 800 मिलियन डॉलर का लोन दे दिया।
भारत ने विरोध तक नहीं कियापवन खेड़ा ने आगे कहा कि इसी तरह आईएमएफ ने तो भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान को आर्थिक मदद दी और भारत इसका विरोध तक नहीं करा सका। इसी तरह से कांग्रेस ने कुवैत दौरे का उदाहरण देते हुए भी सरकार पर हमला बोला। खेड़ा ने कहा कि हाल ही में भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 27 मई को कुवैत में था, उसी दौरान अगले ही दिन कुवैत ने पाकिस्तान के लोगों के लिए फिर से वीजा देना शुरू कर दिया, जिस पर पिछले 19 साल प्रतिबंध लगा हुआ था।
कूटननीतिक नाकामी का उदाहरणकांग्रेस का कहना था कि यह घटना भारत की कूटनीतिक नाकामी का जीता-जागता उदाहरण है। कांग्रेस ने कटाक्ष किया कि सरकार ‘विश्वगुरु’ बनने का दावा करती है, लेकिन जमीन पर उसका प्रभाव इतना कमजोर है कि हमारे विरोधी देश आराम से वैश्विक संस्थाओं से मदद लेते हैं और भारत सिर्फ देखता रह जाता है।
भारत सिर्फ डायलॉग सुन रहादेश की आंतरिक स्थिति पर बात करते हुए कांग्रेस ने कहा कि आज भारत सिर्फ डायलॉग सुन रहा है, डिलीवरी नहीं देख रहा। काले धन की वापसी, रोजगार सृजन, किसानों की आमदनी दोगुनी करने जैसे वादे सिर्फ भाषणों में ही जिंदा हैं। असलियत में हर मोर्चे पर सरकार ने ‘सरेंडर’ किया है। खेड़ा ने निशाना साधते हुए कहा कि अब वक्त है कि सरकार भाषण देना बंद करे और सवालों के जवाब दे। विपक्ष देश की जनता की आवाज है और जब तक जवाब नहीं मिलते, यह संघर्ष जारी रहेगा।
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