नई दिल्ली: भारत में रूसी तेल के आयात को लेकर मचा घमासान अभी थमा नहीं है कि रूस ने एक नई पेशकश की है। रूस के ऊर्जा मंत्री सर्गेई त्सिविलेव (Sergei Tsivilev) ने कहा है कि रूस भारत को एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) की सप्लाई बढ़ाने के लिए तैयार है। यह सप्लाई रूस के मौजूदा और भविष्य की परियोजनाओं से की जाएगी। त्सिविलेव ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया कि भारत अपनी ऊर्जा में गैस का हिस्सा 15% तक बढ़ाना चाहता है। हम रूस की मौजूदा और आने वाली परियोजनाओं से एलएनजी की पेशकश करने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले जुलाई में रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा था कि रूस और भारत गैस के क्षेत्र में अपनी दोस्ती को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। इसमें गैस की सप्लाई बढ़ाना भी शामिल है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार उन्होंने बताया था कि रूस हर साल भारत को करीब 30 लाख टन एलएनजी की सप्लाई करता है और इस मात्रा को और बढ़ाया जा सकता है।
भारत को बताया अहम साझेदारत्सिविलेव ने यह भी कहा, 'भारत हमारे लिए एक अहम साझेदार है। साल 2024 में हमारे तेल निर्यात में भारत का एक बड़ा हिस्सा रहा है और इस साल भी सप्लाई अच्छी बनी हुई है।' यह बात ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने रूसी तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसका असर भारत के तेल आयात पर पड़ रहा है। अगर रूस भारत को गैस की सप्लाई बढ़ाता है तो इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिर्ची लगनी तय है।
ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि भारत रूसी कोयले का एक बड़ा खरीदार है। उन्होंने कहा, 'हम साल 2035 तक भारत को कोयले का निर्यात बढ़ाकर 40 मिलियन टन करने की योजना बना रहे हैं।' इससे पहले रूस के उप-ऊर्जा मंत्री दिमित्री इस्लामॉव ने बताया था कि रूस के कोयले के निर्यात के लिए चीन, भारत और अफ्रीका सबसे अच्छे बाजार हैं।
क्या है एलएनजी?एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) प्राकृतिक गैस को बहुत ठंडा करके तरल रूप में बदला जाता है, जिससे इसे जहाजों में आसानी से ले जाया जा सकता है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए गैस का इस्तेमाल बढ़ाना चाहता है और रूस इसमें मदद करने के लिए तैयार है। यह दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार को और मजबूत करेगा।
इससे पहले जुलाई में रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा था कि रूस और भारत गैस के क्षेत्र में अपनी दोस्ती को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। इसमें गैस की सप्लाई बढ़ाना भी शामिल है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार उन्होंने बताया था कि रूस हर साल भारत को करीब 30 लाख टन एलएनजी की सप्लाई करता है और इस मात्रा को और बढ़ाया जा सकता है।
भारत को बताया अहम साझेदारत्सिविलेव ने यह भी कहा, 'भारत हमारे लिए एक अहम साझेदार है। साल 2024 में हमारे तेल निर्यात में भारत का एक बड़ा हिस्सा रहा है और इस साल भी सप्लाई अच्छी बनी हुई है।' यह बात ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने रूसी तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसका असर भारत के तेल आयात पर पड़ रहा है। अगर रूस भारत को गैस की सप्लाई बढ़ाता है तो इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिर्ची लगनी तय है।
ऊर्जा मंत्री ने आगे बताया कि भारत रूसी कोयले का एक बड़ा खरीदार है। उन्होंने कहा, 'हम साल 2035 तक भारत को कोयले का निर्यात बढ़ाकर 40 मिलियन टन करने की योजना बना रहे हैं।' इससे पहले रूस के उप-ऊर्जा मंत्री दिमित्री इस्लामॉव ने बताया था कि रूस के कोयले के निर्यात के लिए चीन, भारत और अफ्रीका सबसे अच्छे बाजार हैं।
क्या है एलएनजी?एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) प्राकृतिक गैस को बहुत ठंडा करके तरल रूप में बदला जाता है, जिससे इसे जहाजों में आसानी से ले जाया जा सकता है। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए गैस का इस्तेमाल बढ़ाना चाहता है और रूस इसमें मदद करने के लिए तैयार है। यह दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार को और मजबूत करेगा।
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