नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि अगले साल की शुरुआत से ही भारत में स्वदेशी फाइटर जेट इंजन का उत्पादन शुरू हो जाने की संभावना है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए यह बहुत ही राहत भरी खबर है। भारतीय वायु सेना को अपने बेड़े के लिए जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा फाइटर जेट की आवश्यकता है और इसके लिए तेजस एलसीए के उत्पादन में इंजनों की सप्लाई में देरी सबसे बड़ी बाधा रही है। रक्षा मंत्री ने भारत के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट को लेकर भी एक उत्साहजनक जानकारी दी है।
जेट इंजन के लिए कई कंपनियों से बात
Network18 को दिए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि जेट इंजन के उत्पादन के लिए अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और फ्रांस की सफ्रान (Safran) समेत कई वैश्विक कंपनियों के साथ चर्चा चल रही है। रक्षा मंत्री ने MiG-21 की विदाई के बाद तेजस हल्के लड़ाकू विमान के निर्माण के लिए इंजनों की तेजी से सप्लाई के बारे में पूछे जाने पर यह जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा,'कई कंपनियों जैसे जीई (GE), सफ्रान (Safran) आदि से (बातचीत) चल रही है। इस दिशा में हमने कई कदम उठाए हैं। मैं इस समय खुलासा नहीं कर सकता, क्योंकि अंतिम फैसला सिर्फ सीसीएस (रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति) ही लेगी। कॉन्सेप्ट और डारेक्शन को लेकर हमारी स्पष्टता है।'
'मेड इन इंडिया बाय इंडियंस'जेट इंजन
इसी दौरान रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि एक साल के भीतर भारत में फाइटर जेट इंजनों का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बारे में उन्होंने कहा, वह 'मेड इन इंडिया बाय इंडियंस' होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका या किसी अन्य देश से दबाव तो नहीं है, लेकिन साफ किया कि विदेशों से जेट इंजनों का आयात भी जारी रहेगा। उनके मुताबिक, 'बाहर से यह इंजन खरीदने में हम अपने हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे। हमने बता दिया है कि हम आपसे (कंपनियों से) इंजन खरीदेंगे, लेकिन आपको इसका भारत में निर्माण और हमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहिए।'
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हासिल करने पर जोर
जब उनसे यह पूछा गया कि फ्रांस की सफ्रान के साथ बातचीत के बाद भारत कब तक अपनी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए पहले इंजन की उम्मीद कर सकता है, तो रक्षा मंत्री बोले, 'हम कोशिश कर रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके भारत में मैन्युफैक्चरिंग हो सके। इसपर सीसीएस जल्द ही फैसला लेगी।' उन्होंने साफ किया कि भारत फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए भले ही अन्य देशों के साथ तालमेल करे, लेकिन इनका निर्माण देश में ही होगा। उन्होंने कहा, 'हम समझौते के तहत ही टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।'
स्वदेशी स्टील्थ जेट पर काम उत्साहजनक
इस दौरान राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत के पहले दो इंजनों वाले स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट पर चल रहा काम उत्साहजनक है। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद ही इन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए इंडस्ट्री पार्टनरशिप मॉडल को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत उत्पादन शुरू होने में 10 साल लगने की संभावना पर उन्होंने कहा कि 'यह भी संभावना है कि यह इस समय-सीमा से पहले ही हो जाए।'
जेट इंजन के लिए कई कंपनियों से बात
Network18 को दिए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि जेट इंजन के उत्पादन के लिए अमेरिकी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और फ्रांस की सफ्रान (Safran) समेत कई वैश्विक कंपनियों के साथ चर्चा चल रही है। रक्षा मंत्री ने MiG-21 की विदाई के बाद तेजस हल्के लड़ाकू विमान के निर्माण के लिए इंजनों की तेजी से सप्लाई के बारे में पूछे जाने पर यह जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा,'कई कंपनियों जैसे जीई (GE), सफ्रान (Safran) आदि से (बातचीत) चल रही है। इस दिशा में हमने कई कदम उठाए हैं। मैं इस समय खुलासा नहीं कर सकता, क्योंकि अंतिम फैसला सिर्फ सीसीएस (रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति) ही लेगी। कॉन्सेप्ट और डारेक्शन को लेकर हमारी स्पष्टता है।'
'मेड इन इंडिया बाय इंडियंस'जेट इंजन
इसी दौरान रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि एक साल के भीतर भारत में फाइटर जेट इंजनों का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसके बारे में उन्होंने कहा, वह 'मेड इन इंडिया बाय इंडियंस' होंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका या किसी अन्य देश से दबाव तो नहीं है, लेकिन साफ किया कि विदेशों से जेट इंजनों का आयात भी जारी रहेगा। उनके मुताबिक, 'बाहर से यह इंजन खरीदने में हम अपने हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे। हमने बता दिया है कि हम आपसे (कंपनियों से) इंजन खरीदेंगे, लेकिन आपको इसका भारत में निर्माण और हमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करना चाहिए।'
टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हासिल करने पर जोर
जब उनसे यह पूछा गया कि फ्रांस की सफ्रान के साथ बातचीत के बाद भारत कब तक अपनी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए पहले इंजन की उम्मीद कर सकता है, तो रक्षा मंत्री बोले, 'हम कोशिश कर रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके भारत में मैन्युफैक्चरिंग हो सके। इसपर सीसीएस जल्द ही फैसला लेगी।' उन्होंने साफ किया कि भारत फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए भले ही अन्य देशों के साथ तालमेल करे, लेकिन इनका निर्माण देश में ही होगा। उन्होंने कहा, 'हम समझौते के तहत ही टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।'
स्वदेशी स्टील्थ जेट पर काम उत्साहजनक
इस दौरान राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत के पहले दो इंजनों वाले स्टील्थ फाइटर जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट पर चल रहा काम उत्साहजनक है। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद ही इन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए इंडस्ट्री पार्टनरशिप मॉडल को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट के तहत उत्पादन शुरू होने में 10 साल लगने की संभावना पर उन्होंने कहा कि 'यह भी संभावना है कि यह इस समय-सीमा से पहले ही हो जाए।'
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