आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने पढ़ाई से लेकर करियर तक का तरीका बदलकर रख दिया है। तेजी से हो रहे बदलाव का सामना सबसे ज्यादा वो युवा कर रहे हैं, जिन्होंने अभी-अभी जॉब मार्केट में कदम ही रखा था। एआई ने बहुत कम समये में नौकरियों की जरूरतें, सीमाएं और तरीके बहुत हद-तक बद दिए हैं। इस बदलाव का सीधा असर फ्रैशर्स पर होता है और उन्हें इसके हिसाब से अपनी तैयारी करनी होगी।
एआई के इस असर को समझने के लिए खुद को तैयार करना बहुत जरूरी है। आपको कई योग्यताओं और स्किल्स पर खरा उतरना होगा। उन्हें समझने के लिए नीचे दी गई जानकारी काफी मदद कर सकती है। इसके अलावा NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप भी इस ओर बड़ा कदम है। इसे ज्वॉइन करने के लिए आप अभी रजिस्टर कर सकते हैं।
दो बड़े बदलावएआई ने दो बड़े बदलाव किए हैं। इसने कई टास्क का ऑटोमेशन किया और इसकी वजह से कई नए जॉब रोल पैदा भी हुए हैं। ऑटोमेशन और जॉब रोल, दोनों के लिए ही खास तैयारी करनी पड़ेगी, तब ही आप जॉब मार्केट के हिसाब से तैयार हो पाएंगे।
ऑटोमेशन का असरएआई ने कई कामों का ऑटोमेशन कर दिया है। इनके असर को आप भी समझ लीजिए-
रोजाना वाले कामऑफिस में रोज किए जाने वाले कामों को एआई और ऑटोमेशन ने पूरी तरह से हैंडल कर लिया है। एडमिनिस्ट्रेटिव सपोर्ट और डाटा एंट्री के कामों को एआई ने ऑटोमेटिक कर दिया है, जिससे ह्यूमन रिसोर्स की मांग कम हुई है।
कस्टमर सर्विसकस्टमर सर्विस को भी एआई ने बदला है। एआई चैटबॉट्स और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के साथ ये काम भी ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है।
एंट्री लेवल जॉबएंट्री लेवल की जॉब पर भी एआई का असर दिखने लगा है। इस स्तर के कामों की जगह फ्रेशर्स को हायर-लेवल वाले ऐसे काम करने होंगे, जिनमें क्रिटिकल थिंकिंग की जरूरत होती है।
डेटा कलेक्शनडेटा कलेक्शन और प्रीलिमिनरी एनालिसिस का काम भी अब एआई परफेक्टली करने लगा है। इसलिए इस काम को करने वाले कैंडिडेट्स की जरूरत भी कम हुई है।
नए जॉब रोलएआई इंजीनियर, डाटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर जैसी जॉब में एआई के स्पेशिलाइजेशन की जरूरत होती है। एआई ने उन प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ाई है, जो पुराने जॉब रोल के साथ एआई को इस्तेमाल कर सकें।
एआई-ड्रिवेन जॉब मार्केटएआई- ड्रिवेन जॉब मार्केट में काम करने के लिए जरूरी है कि स्किल डेवलेपमेंट पर ध्यान दिया जाए। इसमें टेक्निकल और ह्युमन सेंट्रिक, दोनों तरह की योग्यताओं को निखारा जाना जरूरी है।
कैसे होगा सुधारक्या सुधार होना है, पता चल चुका है तो कैसे सुधार होगा, ये भी जानना और इस ओर काम करना जरूरी है।
बेसिक समझ लीजिएएआई कैसे काम करता है, इसके फायदे और कमियां क्या हैं? जैसी बातों पर ध्यान देना होगा। अपनी फील्ड से जुड़े एआई-पावर्ड टूल्स को समझ लीजिए। इनकी पूरी जानकारी आपको आगे जाने में मदद करेगी।
हाई डिमांड फील्डइस वक्त हाई डिमांड वाले फील्ड जैसे डाटा एनालिसिस, मशीन लर्निंग और एआई इंजीनियरिंग पर फोकस कीजिए। एआई-सॉल्यूशन के लिए यह बेहद जरूरी है। कुछ काम ऐसे भी हैं, जिनमें डीप अंडरस्टैंडिंग की जरूरत नहीं होती है। बस बेसिक जानकारी से काम चल जाएगा, जैसे चैटबॉट और डाटा डैशबोर्ड।
ह्यूमन स्किल की जरूरतध्यान दीजिए कि एआई भले ही जॉब मार्केट को बदल रहा हो लेकिन कुछ ह्युमन स्किल की जरूरत कभी खत्म नहीं होगीहै। जैसे एआई कंटेंट बना सकता है लेकिन इसमें ओरिजिनेलिटी की कमी हो सकती है। इनोवेटिव आईडिया और क्रिएटिविटी के लिए ह्यूमन थिंकिंग की जरूरत होगी ही।
एआई के इस असर को समझने के लिए खुद को तैयार करना बहुत जरूरी है। आपको कई योग्यताओं और स्किल्स पर खरा उतरना होगा। उन्हें समझने के लिए नीचे दी गई जानकारी काफी मदद कर सकती है। इसके अलावा NBT AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप भी इस ओर बड़ा कदम है। इसे ज्वॉइन करने के लिए आप अभी रजिस्टर कर सकते हैं।
दो बड़े बदलावएआई ने दो बड़े बदलाव किए हैं। इसने कई टास्क का ऑटोमेशन किया और इसकी वजह से कई नए जॉब रोल पैदा भी हुए हैं। ऑटोमेशन और जॉब रोल, दोनों के लिए ही खास तैयारी करनी पड़ेगी, तब ही आप जॉब मार्केट के हिसाब से तैयार हो पाएंगे।
ऑटोमेशन का असरएआई ने कई कामों का ऑटोमेशन कर दिया है। इनके असर को आप भी समझ लीजिए-
रोजाना वाले कामऑफिस में रोज किए जाने वाले कामों को एआई और ऑटोमेशन ने पूरी तरह से हैंडल कर लिया है। एडमिनिस्ट्रेटिव सपोर्ट और डाटा एंट्री के कामों को एआई ने ऑटोमेटिक कर दिया है, जिससे ह्यूमन रिसोर्स की मांग कम हुई है।
कस्टमर सर्विसकस्टमर सर्विस को भी एआई ने बदला है। एआई चैटबॉट्स और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग के साथ ये काम भी ऑटोमेटिक तरीके से हो जाता है।
एंट्री लेवल जॉबएंट्री लेवल की जॉब पर भी एआई का असर दिखने लगा है। इस स्तर के कामों की जगह फ्रेशर्स को हायर-लेवल वाले ऐसे काम करने होंगे, जिनमें क्रिटिकल थिंकिंग की जरूरत होती है।
डेटा कलेक्शनडेटा कलेक्शन और प्रीलिमिनरी एनालिसिस का काम भी अब एआई परफेक्टली करने लगा है। इसलिए इस काम को करने वाले कैंडिडेट्स की जरूरत भी कम हुई है।
नए जॉब रोलएआई इंजीनियर, डाटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग इंजीनियर जैसी जॉब में एआई के स्पेशिलाइजेशन की जरूरत होती है। एआई ने उन प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ाई है, जो पुराने जॉब रोल के साथ एआई को इस्तेमाल कर सकें।
एआई-ड्रिवेन जॉब मार्केटएआई- ड्रिवेन जॉब मार्केट में काम करने के लिए जरूरी है कि स्किल डेवलेपमेंट पर ध्यान दिया जाए। इसमें टेक्निकल और ह्युमन सेंट्रिक, दोनों तरह की योग्यताओं को निखारा जाना जरूरी है।
कैसे होगा सुधारक्या सुधार होना है, पता चल चुका है तो कैसे सुधार होगा, ये भी जानना और इस ओर काम करना जरूरी है।
बेसिक समझ लीजिएएआई कैसे काम करता है, इसके फायदे और कमियां क्या हैं? जैसी बातों पर ध्यान देना होगा। अपनी फील्ड से जुड़े एआई-पावर्ड टूल्स को समझ लीजिए। इनकी पूरी जानकारी आपको आगे जाने में मदद करेगी।
हाई डिमांड फील्डइस वक्त हाई डिमांड वाले फील्ड जैसे डाटा एनालिसिस, मशीन लर्निंग और एआई इंजीनियरिंग पर फोकस कीजिए। एआई-सॉल्यूशन के लिए यह बेहद जरूरी है। कुछ काम ऐसे भी हैं, जिनमें डीप अंडरस्टैंडिंग की जरूरत नहीं होती है। बस बेसिक जानकारी से काम चल जाएगा, जैसे चैटबॉट और डाटा डैशबोर्ड।
ह्यूमन स्किल की जरूरतध्यान दीजिए कि एआई भले ही जॉब मार्केट को बदल रहा हो लेकिन कुछ ह्युमन स्किल की जरूरत कभी खत्म नहीं होगीहै। जैसे एआई कंटेंट बना सकता है लेकिन इसमें ओरिजिनेलिटी की कमी हो सकती है। इनोवेटिव आईडिया और क्रिएटिविटी के लिए ह्यूमन थिंकिंग की जरूरत होगी ही।
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