महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच जंगली जानवरों के हमले में 21 लोगों की जान चली गई, जबकि इसी अवधि के दौरान राज्य के वन क्षेत्रों में विभिन्न कारणों से 22 बाघों की मौत हो गई। इसी दौरान राज्य में 40 तेंदुओं की भी मौत हुई है।
राज्य के वन मंत्री गणेश नाइक ने शुक्रवार को विधानसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि 13 बाघों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, चार की मौत बिजली के झटके से हुई, चार की मौत सड़क और रेल दुर्घटनाओं तथा खुले कुओं में गिरने से हुई। एक बाघ की मौत अज्ञात कारणों से हुई।
मंत्री ने बताया कि जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच महाराष्ट्र में 40 तेंदुओं की मौत हुई। इनमें से तीन की अवैध शिकार के कारण जान गई। जवाब के अनुसार, बीस तेंदुओं की मौत सड़क, रेल दुर्घटनाओं और खुले कुओं में गिरने से हुई, जबकि आठ की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई। तीन तेंदुओं की मौत शिकार के बाद हुई, जबकि नौ की मौत का कारण अज्ञात है।
नाइक ने बताया कि इसी अवधि के दौरान 61 अन्य जंगली जानवरों की भी मौत हुई। मंत्री ने सदन को बताया कि इनमें से 23 जंगली जानवरों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई, चार की बिजली के झटके से और चार की शिकार के कारण मौत हुई। इसके अलावा 24 जंगली जानवरों की मौत कुत्तों के हमले और कुओं में गिरने से हुई और छह की मौत का कारण अज्ञात है।
उन्होंने कहा कि जनवरी से अप्रैल 2025 के दौरान जंगली जानवरों के हमले में 21 लोगों की मौत हो गई। नाइक ने जवाब में बताया कि जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 तक राज्य में अलग-अलग कारणों से 107 बाघों की मौत की सूचना मिली है। इसी अवधि में कुल 707 जंगली जानवरों की मौत हुई।
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