लाइव हिंदी खबर :- भारत बार काउंसिल ने वकील राकेश किशोर की सदस्यता निलंबित करने का निर्णय लिया है, राकेश किशोर ने हाल ही में मुख्य न्यायाधीस पर जूता फेंकने का प्रयास किया था। जिसे बार काउंसिल ने गंभीर अनुशासनात्मक उल्लंघन के रूप में देखा और काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस घटना को कानूनी पेशे के आदर्श और शिष्टाचार का उल्लंघन बताया।
परिषद ने कहा कि वकीलों के लिए यह आवश्यक है कि वह अदालत में और अदालत के बाहर नैतिक और अनुशासन बनाए रखें। किसी भी प्रकार का हिंसक या असभ्य व्यवहार कानून और न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक माना जाता है। समिति ने तत्काल कार्रवाई करते हुए राकेश किशोर को बार काउंसिल सदस्य निलंबित कर दी है।
इसके साथ ही उन्हें यह चेतावनी दी गई है कि भविष्य में इस प्रकार का व्यवहार करने पर और कठोर दंड लगाया जा सकता है। इस मामले ने न केवल कानून पेशे में बल्कि आम जनता में भी ध्यान खींचा है। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायपालिका और वकीलों के बीच संबंध और भरोसा बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे कृत न्यायपालिका के संबंध और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं।
इस घटना के बाद बार काउंसिल ने अपने बयान में कहा कि वह हमेशा अनुशासन बनाए रखने और पेशे वाले मानकों को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। परिषद ने सभी वकीलों को सतर्क रहने और कानून के प्रति सम्मान बनाए रखने का संदेश दिया।
राकेश किशोर की सदस्यता निलंबित की कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा न्यायपालिका के प्रति हिंसक व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह घटना कानूनी पेशे के लिए एक सख्त चेतावनी और अनुशासनात्मक संदेश के रूप में देखी जा सकती है।
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