मंगलवार सुबह भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच हरे निशान में शुरुआत की, जिससे निवेशकों में उत्साह का माहौल देखा गया। निफ्टी 25,500 के स्तर के ऊपर खुला और सेंसेक्स में भी मजबूत बढ़त दर्ज की गई। ऑटो और IT सेक्टर की अगुवाई में बाजार में खरीदारी का रुझान रहा, जिससे बाजार की चाल स्थिर और मजबूत दिखी।
बाजार की स्थिति और प्रमुख आंकड़े
सुबह 9:26 बजे तक सेंसेक्स 188.66 अंक यानी 0.23% की बढ़त के साथ 83,795.12 पर पहुंचा, जबकि निफ्टी 54.80 अंक यानी 0.21% चढ़कर 25,571.85 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी बैंक भी 51.95 अंक की मामूली तेजी के साथ 57,364.70 पर रहा।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिली।
—निफ्टी मिडकैप 100: 146.45 अंकों की तेजी के साथ 59,887.65
—निफ्टी स्मॉलकैप 100: 52.50 अंकों की बढ़त के साथ 19,127.60
वैश्विक संकेत बने सहायक कारक
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी शेयर बाजारों में नए रिकॉर्ड बनने से वैश्विक निवेशक धारणा मजबूत हुई है। साथ ही, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनावों में कमी और डॉलर की कमजोरी ने निवेशकों का भरोसा बनाए रखा है। अमेरिकी डाउ जोंस, एसएंडपी 500 और नैस्डैक में बीते सत्र में अच्छी तेजी दर्ज की गई थी, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिला।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है। यदि ऐसा समझौता नहीं होता है, तो कुछ हद तक बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।
तकनीकी संकेत और विश्लेषण
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील का कहना है कि निफ्टी ने अक्टूबर 2024 में बने 25,640–25,740 के गैप को आंशिक रूप से भर दिया है। यदि निफ्टी 25,740 के ऊपर मजबूती से बंद होता है, तो यह ऊपर की ओर एक नई रैली शुरू कर सकता है, जो सीधे 26,000 के आंकड़े की ओर ले जाएगी।
निफ्टी का शॉर्ट-टर्म ट्रेंड अब भी सकारात्मक बना हुआ है क्योंकि यह अपने 5-दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है। फिलहाल निफ्टी के लिए तत्काल समर्थन स्तर 25,400 माना जा रहा है।
टॉप गेनर्स और लूजर्स
मंगलवार को बाजार की शुरुआत में जिन शेयरों में सबसे अधिक तेजी दर्ज की गई, उनमें एशियन पेंट्स, बीईएल, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, पावरग्रिड, आईटीसी, एचसीएल टेक, टाटा मोटर्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल रहे। ये कंपनियां निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभरीं और इनके शेयरों में सकारात्मक रुझान देखा गया।
वहीं दूसरी ओर, जिन शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उनमें एक्सिस बैंक, ट्रेंट, टाटा स्टील, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी और इटरनल शामिल रहे। इन कंपनियों के स्टॉक्स ने बाजार की चाल के विपरीत प्रदर्शन किया और निवेशकों को कुछ हद तक नुकसान उठाना पड़ा।
एफआईआई और डीआईआई का रुख
30 जून को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने ₹831.50 करोड़ के शेयरों की बिकवाली की, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने ₹3,497.44 करोड़ की खरीदारी कर बाजार को मजबूती दी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत मैक्रो स्थितियां और डॉलर की कमजोरी के चलते एफआईआई की बिकवाली सीमित रह सकती है और वे ऊंचे मूल्यांकन के बावजूद निवेश जारी रख सकते हैं।
एशियाई बाजारों से भी मिला समर्थन
इस बीच एशियाई बाजारों में भी मिश्रित रुख देखने को मिला। चीन, बैंकॉक, सोल और जकार्ता के बाजार हरे निशान में रहे, जबकि जापान का बाजार हल्की गिरावट में देखा गया।
सकारात्मक वैश्विक संकेतों और घरेलू संस्थागत निवेशकों की मजबूत भागीदारी के चलते भारतीय शेयर बाजार ने मानसून के पहले सप्ताह में ही स्थिर और तेज़ शुरुआत की है। तकनीकी रूप से भी निफ्टी ने अहम प्रतिरोध स्तर को छूने का प्रयास किया है, जिससे आने वाले दिनों में बाजार में और तेजी की संभावना बनी हुई है।
यदि वैश्विक स्थितियां अनुकूल बनी रहीं और भारत-अमेरिका व्यापार से जुड़ी खबरें सकारात्मक आती हैं, तो निफ्टी और सेंसेक्स नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ सकते हैं।
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