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लेह में दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस, ट्रायल रन शुरू

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लेह, 22 जून . स्वच्छ ऊर्जा और हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए लद्दाख की राजधानी लेह से पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस सेवा की शुरुआत की गई है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस बस को लेह की ऊंचाई और ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. यह सेवा सोमवार या मंगलवार से शुरू होने की संभावना है.

यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने की घोषणा की थी. अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि लद्दाख की कई विशेषताएं हैं, हमें उनका संरक्षण और पोषण करना चाहिए. इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के साथ साझेदारी की है.

एनटीपीसी ने इस परियोजना के तहत लेह के सबसे ऊंचे क्षेत्र में समुद्र तल से 11,562 फीट की ऊंचाई पर 1.7 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित किया है. इस सोलर प्लांट के जरिए हाइड्रोजन तैयार कर इन बसों को ऊर्जा प्रदान की जाएगी. इसके लिए लेह प्रशासन द्वारा एनटीपीसी को 7.5 एकड़ जमीन लीज पर दी गई है. इस परियोजना में शामिल हाइड्रोजन बसें वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड से खरीदी गई हैं, एक बस की कीमत लगभग 2.5 करोड़ रुपए है.

लेह में एसआईडीसीओ के ऑपरेशन इंचार्ज ताशिचोजिन ने बताया कि अब तक पांच बसें प्राप्त हो चुकी हैं और इनमें से तीन रूटों पर परिचालन की योजना बनाई गई है. समाचार एजेंसी से उन्होंने कहा कि सोमवार या मंगलवार से बस सेवा शुरू हो जाएगी. अभी ट्रायल के तौर पर बस एक-दो दिन चलाई जाएगी. यदि कोई दिक्कत नहीं आती है तो फिर नियमित सेवा शुरू कर दी जाएगी.

ताशिचोजिन ने बताया कि प्रत्येक बस में 32 यात्रियों के बैठने की क्षमता है और यह एक बार चार्ज होने पर लगभग 230 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. इन बसों का किराया भी इलेक्ट्रिक बसों के समान ही रहेगा, जिससे यात्रियों को आर्थिक रूप से भी लाभ मिलेगा.

पीएसके/एकेजे

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