New Delhi, 25 सितंबर . बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से जाने के बाद एक ओर Pakistan मुहम्मद यूनुस ने नेतृत्व वाली Government से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में सक्रिय हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (हूजी) एक बार फिर India की सीमा पर अपने मॉड्यूल स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. भारतीय सुरक्षा अधिकारियों से ऐसे इनपुट मिले हैं.
बांग्लादेश में शेख हसीना के शासनकाल में ‘हूजी’ पर काफी हद तक नियंत्रण रखा गया था, लेकिन उनके सत्ता से जाने के बाद अंतरिम Government में एक बार फिर अपनी गतिविधियों को बढ़ा रहा है.
‘हूजी’ मूलरूप से Pakistan में स्थापित हुआ था और इसका उद्देश्य आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में हमले कर अशांति फैलाना था.
हालांकि, कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के तेजी से बढ़ने की कोशिश के बीच आईएसआई ने धीरे-धीरे इस संगठन (हूजी) की गतिविधियों को बांग्लादेश में स्थानांतरित कर दिया, जिसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल और India के पूर्वोत्तर राज्यों को निशाना बनाना था.
हूजी पूर्वोत्तर India और पश्चिम बंगाल में कई गुट स्थापित करने में कामयाब रहा था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारतीय एजेंसियों की कड़ी सुरक्षा और निगरानी के कारण यह संगठन ठंडा पड़ गया था.
बांग्लादेश में शेख हसीना Government ने इस गुट पर लगाम लगाकर रखी थी, लेकिन जमात-ए-इस्लामी समर्थित मुहम्मद यूनुस को अंतरिम Government का कार्यवाहक बनाए जाने के बाद ‘हूजी’ समेत कई कट्टरपंथी गुट फिर से सक्रिय हो गए हैं.
न्यूयॉर्क में Pakistan के Prime Minister शहबाज शरीफ ने Wednesday को यूनुस के साथ बैठक की. वैसे तो इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाना बताया गया है, लेकिन इस बात की आशंका भी जताई जा रही है कि Pakistan और बांग्लादेश की नजदीकियां बढ़ने से आईएसआई के लिए बांग्लादेश तक पहुंचना बेहद आसान हो गया.
खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन महीनों में आईएसआई और हूजी नेताओं के बीच कम से कम छह बैठकें हुई हैं. इन सभी का उद्देश्य संगठन की गतिविधियों को पुनर्जीवित करना और भारतीय सीमा के पास और गुट स्थापित करना है.
जमात ने हूजी को सुरक्षा की गारंटी भी दी है. इस प्रक्रिया में हूजी को हथियारों, गोला-बारूद और धन मुहैया कराने का भरोसा दिया गया है.
बांग्लादेश में हूजी के एक बार फिर से एक्टिव होने के पीछे एक वजह अब्दुस सलाम पिंटू की रिहाई भी बताई जा रही है. उसके बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से जुड़े होने का दावा किया गया है. उस पर Pakistan के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से सक्रिय आतंकवादियों को धन मुहैया कराने का आरोप था.
2004 में शेख हसीना पर ग्रेनेड हमले की कोशिश के लिए उसे 2008 में मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, 17 साल जेल में रहने के बाद दिसंबर 2024 में उसे रिहा कर दिया गया था. अब्दुस सलाम पिंटू ने पीओके स्थित शिविरों में हूजी की हथियारों की खरीद, भर्ती और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में मदद की थी.
भारतीय सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि Pakistan और बांग्लादेश में बढ़ती नजदीकी और अब्दुस के खुलेआम बाहर घूमने के कारण एक बार फिर उसके हूजी से जुड़ने की प्रबल आशंका है. वह इस आतंकवादी समूह को अच्छी तरह जानता है और आईएसआई उसका इस्तेमाल उन्हीं गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर सकती है, जो उसने अपनी गिरफ्तारी से पहले की थीं.
पिंटू अकेला व्यक्ति नहीं है, जिसे शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद यूनुस Government ने रिहा किया. उसने सितंबर 2024 में प्रतिबंधित आतंकी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य और आतंकवादी शेख असलम को भी रिहा किया था. India के लिहाज से यूनुस Government का सबसे महत्वपूर्ण फैसला जमात से प्रतिबंध हटाना था. अत्यधिक कट्टरपंथी और खतरनाक माने जाने वाला यह समूह बांग्लादेश में हूजी जैसे आतंकी समूहों के उदय में मदद कर रहा है.
यह तथ्य कि यह आईएसआई की सीधी मदद से ऐसा कर रहा है, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चिंता का विषय है.
–
वीसी/एबीएम
You may also like
टेस्ट से वनडे की कप्तानी तक, पूरा टाइम लाइन, टी20 विश्व कप-चैंपियन ट्रॉफी जीतने के बावजूद क्यों रोहित शर्मा हटाए गए?
Who Is Sanae Takaichi In Hindi? : कौन हैं साने ताकाइची, जो बनने जा रही हैं जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री
मंदसौरः किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस 6 अक्टूबर को निकालेगी विशाल ट्रैक्टर मार्च
आगर मालवा : सोयाबीन के सही दाम नहीं मिलने से नाराज किसानों ने किया एनएच-552 पर चक्काजाम
अहमदाबाद टेस्ट में चटकाए 7 विकेट, भारत की जीत से गदगद मोहम्मद सिराज