गांधीनगर, 28 जून . गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शाला प्रवेशोत्सव-कन्या केळवणी महोत्सव (कन्या शिक्षा महोत्सव) के अंतर्गत बच्चों के स्कूल में नामांकन के लिए सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में रात्रि विश्राम करने का संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया है.
ऐसे गांवों में रात्रि ठहराव के दौरान मुख्यमंत्री ग्रामीणों के साथ पारंपरिक जनजीवन शैली में ‘खाट बैठक’ आयोजित कर सामूहिक संवाद करने का कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने विगत वर्षों के शाला प्रवेशोत्सव के दौरान नर्मदा जिले में मध्य प्रदेश की सीमा के निकट और डांग जिले में महाराष्ट्र सीमा के निकट स्थित एक ग्रामीण क्षेत्र में रात्रि ठहराव कर ग्रामीणों के साथ संवाद बैठक आयोजित की थी और इन गांवों की विकासोन्मुखी जानकारी हासिल की थी.
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष के शाला प्रवेशोत्सव 2025 के तीसरे दिन शनिवार को कच्छ जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित कुरन गांव में बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया. कुरन में शाला प्रवेशोत्सव से पहले मुख्यमंत्री शुक्रवार को कच्छ पहुंचे. उन्होंने गांव में रात्रि ठहराव किया और ग्रामीणों के साथ रात्रि बैठक आयोजित कर उनसे संवाद-गोष्ठी की.
मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे कुरन गांव के लोगों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रशासन और सेना के निर्देशों का पालन करने और सहयोग देने के लिए बधाई दी. उन्होंने ग्रामीणों को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशिष्ट विजन के कारण कच्छ के ऐसे सुदूरवर्ती गांवों में भी विकास ने गति पकड़ी है.
उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी पार्क रोजगार का बड़ा केंद्र बन गया है. इसके साथ ही, रण उत्सव से कच्छ के ग्रामीण जीवन में आर्थिक उन्नति आई है. स्थानीय विकास कार्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार उनके साथ खड़ी है.
उन्होंने शनिवार को शाला प्रवेशोत्सव के समापन दिवस की सुबह कुरन गांव के स्कूल में बालवाटिका, आंगनबाड़ी से लेकर कक्षा 9 तक के 104 बच्चों का दाखिला कराया. इस वर्ष के शाला प्रवेशोत्सव में पूरे कच्छ जिले के स्कूलों में 1.34 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन होने जा रहा है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सरहद के प्रहरी के रूप में पहचाने जाने वाले कुरन गांव में नवनिर्मित प्राथमिक स्कूल का लोकार्पण भी किया.
मुख्यमंत्री ने स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों के साथ सहज संवाद किया और स्कूल संचालन समिति (एसएमपी) के सदस्यों के साथ बैठक आयोजित कर स्कूल और गांव की सुविधाओं, शिक्षा की स्थिति एवं अन्य विकास से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शन दिया. उन्होंने शिक्षकों और अभिभावकों से अपने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने और विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात के निर्माण में सहयोग करने की अपील की.
शाला प्रवेश उत्सव को विकास उत्सव बनाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कच्छ जिले को 107.60 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी.
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एबीएम/एएस
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