नई दिल्ली, 9 जुलाई . एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के सीईओ वेंकट एन चलसानी ने बुधवार को कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव ने कुछ निवेशकों को सतर्क कर दिया है, लेकिन हम हाइब्रिड और आर्बिट्रेज फंडों की ओर एक सकारात्मक बदलाव भी देख रहे हैं. यह रुझान निवेशकों के परिपक्व व्यवहार और अनिश्चित समय में संतुलित जोखिम रणनीतियों को प्राथमिकता देने को दर्शाता है.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के जून के आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है और हम निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) पिछले महीने 74 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई, जिसने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया. यह वृद्धि मजबूत खुदरा भागीदारी और एसआईपी प्रवाह में लगातार वृद्धि से प्रेरित है, जो इस महीने 27,269 करोड़ रुपए रहा.
योगदान देने वाले एसआईपी खातों की संख्या भी 8.64 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई, जो एक अनुशासित निवेश माध्यम के रूप में म्यूचुअल फंड में बढ़ते विश्वास को रेखांकित करता है.
इक्विटी में 23,587 करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जो लगातार 52वें महीने सकारात्मक निवेश का संकेत है.
चालसानी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मानकीकृत प्रकटीकरण प्रोटोकॉल और निवेशक शिक्षा की निरंतर पहल के साथ एक मजबूत म्यूचुअल फंड फ्रेमवर्क की स्थापना पर जोर इंडस्ट्री के विकास और सफलता को गति प्रदान करेंगे.
उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान निवेशकों की जागरूकता बढ़ाने और बचतकर्ताओं को दीर्घकालिक धन सृजनकर्ता बनने में मदद करने पर केंद्रित है. भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है और हम निवेशकों को अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे.”
जून में निवेशक गतिविधि मजबूत रही, सक्रिय इक्विटी और हाइब्रिड म्यूचुअल फंडों में निवेश में तेजी देखी गई.
केनरा रोबेको एएमसी के राष्ट्रीय प्रमुख (बिक्री एवं विपणन) गौरव गोयल ने कहा, “लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप और लार्ज एवं मिड-कैप फंड जैसी अन्य श्रेणियों में भी प्रभावशाली शुद्ध निवेश दर्ज किया गया, जो भारतीय बाजारों में निवेशकों के दीर्घकालिक विश्वास को दर्शाता है.”
हाइब्रिड फंडों में भी शानदार वृद्धि देखी गई, शुद्ध निवेश 23,000 करोड़ रुपये को पार कर गया. आर्बिट्रेज फंडों का इसमें प्रमुख योगदान रहा, इसके बाद मल्टी-एसेट एलोकेशन और बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों का स्थान रहा, जो विविध और संतुलित पोर्टफोलियो के प्रति निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है.
श्रीराम वेल्थ लिमिटेड के सीओओ और उत्पाद प्रमुख नवल कागलवाला ने निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार, विभिन्न श्रेणियों और परिसंपत्ति वर्गों में विविधता लाने और आवंटन करने का सुझाव दिया.
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