नई दिल्ली, 16 मई . अटल पेंशन योजना के 7.65 करोड़ सब्सक्राइबर्स में से 48 प्रतिशत महिलाएं हैं. सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई.
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) को मई 2015 में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य देश के असंगठित क्षेत्र के लोगों को पेंशन का एक अच्छा और विश्वसनीय विकल्प देना था, जिससे रिटायरमेंट के बाद वे अपनी जिंदगी आराम से व्यतीत कर सकें.
एपीवाई में पेंशन योजना में शामिल होने की आयु और अंशदान की राशि के आधार पर निर्भर करती है.
इसका लक्ष्य मुख्य रूप से अनौपचारिक क्षेत्र के गरीब और वंचित श्रमिकों को लक्षित करना था और यह भारत में सबसे समावेशी और सुलभ सामाजिक सुरक्षा पहलों में से एक के रूप में उभरा है.
समाज कल्याण विभाग ने कहा, “अप्रैल 2025 तक एपीवाई से 7.65 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स जुड़ गए हैं, जिससे कुल 45,974.67 करोड़ रुपए की राशि एकत्रित हुई है.”
सरकारी विभाग ने आगे कहा, “एपीवाई में महिलाओं की भागीदारी में तेजी से इजाफा हो रहा है. अब कुल सब्सक्राइबर्स में महिलाओं का शेयर 48 प्रतिशत हो गया है.”
वित्त वर्ष 2024-25 में जुड़े नए सब्सक्राइबर्स में से 55 प्रतिशत से अधिक महिलाएं थीं.
इसी अवधि के दौरान कुल नामांकन में भी मजबूत वृद्धि हुई है.
एपीवाई योजना शुरू में 18 से 40 वर्ष की आयु के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध थी. अक्टूबर 2022 से आयकर का भुगतान करने वाले व्यक्ति इस योजना में शामिल होने के पात्र नहीं हैं.
इस योजना के तहत सब्सक्राइबर्स को उनके अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु में एक निश्चित मासिक पेंशन (1,000 रुपए, 2,000 रुपए, 3,000 रुपए, 4,000 रुपए और 5,000 रुपए प्रति माह) प्रदान की जाती है.
विभाग ने कहा, “अटल पेंशन योजना खासतौर पर भारत के असंगठित कार्यबल के लिए सामाजिक सुरक्षा इकोसिस्टम की आधारशिला बनकर उभरी है. करीब 7.65 करोड़ ग्राहकों और लगातार बढ़ती पेंशन राशि के साथ, यह योजना न केवल बुजुर्गों के लिए वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है, बल्कि कम आय वाले परिवारों में दीर्घकालिक बचत को भी बढ़ावा देती है.”
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एबीएस/
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