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'मसालों की रानी' छोटी इलायची, स्वाद के साथ सेहत का खजाना

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नई दिल्ली, 23 जून . शरीर हो या मन हर समस्या का समाधान भारतीय रसोई में मौजूद है. कभी लौंग के रूप में तो कभी सौंफ या अन्य मसालों के रूप में. ऐसे में बात ‘मसालों की रानी’ की हो तो इसे कैसे इग्नोर किया जा सकता है. जी हां! बात हो रही है इलायची की, जो न केवल स्वाद और सुगंध को बढ़ाती है बल्कि सेहत के लिए भी वरदान है.

इलायची में कई समस्याओं का समाधान छिपा है. साइंटिफिक और मेडिकल रिसर्च प्रकाशित करने वाली वेबसाइट ‘साइंस डायरेक्ट’ के अनुसार, प्राचीन भारतीय आयुर्वेद, यूनानी और रोमन चिकित्सा में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से इसका उपयोग सांस की बीमारियों ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, कब्ज, सर्दी-खांसी, दांत-मसूड़ों के रोग, किडनी से संबंधित समस्याओं, फेफड़ों में जकड़न से संबंधित या टीबी, आंखों की जलन समेत अन्य समस्याओं के इलाज में होता रहा है.

आयुर्वेद में इलायची को त्रिदोषनाशक माना जाता है, जो वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है. यह पाचन शक्ति को मजबूत करने के साथ मन को शांत करती है और हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है. इसका वैज्ञानिक नाम एलेटेरिया कार्डमम है, जिसमें विटामिन सी, मैग्नीशियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. यह माउथ फ्रेशनर भी है.

आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि भोजन के बाद एक इलायची चबाने या इसके पाउडर को सेंधा नमक, मिश्री के साथ लेने से वात, अपच और एसिडिटी में राहत मिलती है. रोज सुबह इलायची चबाने या इसके पानी से कुल्ला करने से मुंह की बदबू और संक्रमण कम होती है. यही नहीं, गर्म दूध में इलायची पाउडर मिलाकर पीने से मानसिक तनाव कम हो सकता है और नींद में भी सुधार होता है.

प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक इलायची पानी के साथ लेने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है. गुनगुने पानी में इलायची पाउडर मिलाकर पीने से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है.

सौंफ-गुड़ के साथ इलायची का सेवन पीरियड्स की तकलीफ में राहत दे सकता है. एक रिसर्च के अनुसार, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित रूप से इसका सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है.

एमटी/एकेजे

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