नई दिल्ली, 24 अप्रैल . भारत में खसरा और रूबेला जैसी बीमारियों को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने गुरुवार को ‘विश्व टीकाकरण सप्ताह’ की शुरुआत के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के ज़रिए ‘राष्ट्रीय शून्य खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26’ की शुरुआत की. इस अभियान का लक्ष्य है कि साल 2026 तक देश से खसरा और रूबेला बीमारी पूरी तरह खत्म कर दी जाए.
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत सभी योग्य बच्चों को खसरा और रूबेला (एमआर) बीमारी से बचाने के लिए दो टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं. पहला टीका बच्चों को 9 से 12 महीने की उम्र में दिया जाता है, जबकि दूसरा टीका 16 से 24 महीने की उम्र में लगाया जाता है. वर्तमान में भारत में एमआर टीकाकरण की स्थिति अच्छी है. 2024-25 के एचएमआईएस डेटा के अनुसार, पहली खुराक 93.7 प्रतिशत बच्चों को मिल चुकी है और दूसरी खुराक 92.2 प्रतिशत बच्चों को दी जा चुकी है.
स्वास्थ्य मंत्री ने खसरा-रूबेला के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए कई भाषाओं में तैयार की गई सामग्री जैसे पोस्टर, रेडियो जिंगल, एमआर उन्मूलन पर फिल्म और यू-विन प्लेटफॉर्म की आधिकारिक लॉन्च फिल्म भी जारी की. ये सभी सामग्री एमआर उन्मूलन अभियान 2025-26 के दौरान इस्तेमाल करने के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा की गई है.
नड्डा ने एक कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन बहुत खास है, क्योंकि खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान 2025-26 की शुरुआत हो रही है. इस अभियान का मकसद है कि हर बच्चे को खसरा और रूबेला के दोनों टीके समय पर दिए जाएं, ताकि सभी बच्चों को अच्छी सेहत और बेहतर जीवन मिल सके. इसका लक्ष्य 100 प्रतिशत टीकाकरण कवरेज हासिल करना है.
मंत्री ने बताया कि खसरा और रूबेला बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारियां हैं, जो बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ उनके माता-पिता के लिए भी चिंता और परेशानी का कारण बनती हैं, इसलिए यह ज़रूरी है कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच देश के 332 जिलों में खसरे का एक भी मामला सामने नहीं आया और 487 जिलों में रूबेला का कोई केस नहीं मिला. यह दिखाता है कि खसरा और रूबेला को खत्म करने के लक्ष्य की तरफ हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं.
नड्डा ने कहा कि बीमारियों पर नजर रखने के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) को लगातार सक्रिय रखना और इसकी निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हमें खसरा और रूबेला (एमआर) को भी उसी तरह खत्म करने का लक्ष्य बनाना चाहिए, जैसे पहले पोलियो और मातृ-नवजात टिटनेस को खत्म किया गया था. इसके साथ ही, उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि वे सतर्क, तैयार और सक्रिय रहें, और बिना देर किए तुरंत कदम उठाने की नीति पर काम करें.
नड्डा ने राज्य के मंत्रियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि वे सार्वजनिक और प्रेस मीटिंग्स आयोजित करें, ताकि बड़ी संख्या में लोगों को टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी दी जा सके और उन्हें सक्रिय रूप से इसमें शामिल किया जा सके.
उन्होंने अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे दूरदराज के क्षेत्रों, झुग्गी-बस्तियों, प्रवासी लोगों और ऐसे इलाकों में जाएं जहां बीमारियां बार-बार फैलती हैं, ताकि वहां के लोगों को भी टीकाकरण का लाभ मिल सके.
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एसएचके/
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