New Delhi, 30 अगस्त . भारत के मशहूर कबड्डी खिलाड़ी आशु मलिक ने प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के जरिए खास पहचान बनाई है. अपनी शानदार रेडिंग क्षमता और तेजी के लिए पहचाने जाने वाले आशु पीकेएल सीजन 12 में दबंग दिल्ली केसी की कमान संभाल रहे हैं.
प्रो कबड्डी लीग के स्टार खिलाड़ी ने बेहद कम उम्र में ही बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को कई मौकों पर जीत दिलाई. यही वजह है कि 23 वर्षीय आशु को लगातार दूसरी बार टीम की कमान सौंपी गई है.
9 जनवरी 2002 को सोनीपत जिले के खानपुर कला गांव में जन्मे आशु मलिक को कबड्डी खेलने की प्रेरणा अपने गांव से ही मिली, जहां इस खेल को बेहद शौक से खेला जाता है.
खानपुर कला गांव की कबड्डी टीम आस-पास के इलाकों में बहुत मशहूर थी. आशु मलिक ने को बताया कि वह बचपन में गांव की टीम का मुकाबला देखने पहुंच जाते थे. धीरे-धीरे उनकी रुचि भी इस खेल में बढ़ने लगी. करीब 12 वर्ष की उम्र में आशु ने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया.
साल 2014 में प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत हुई. आशु ठान चुके थे कि उन्हें भी इसमें खेलना है. आशु एक बेहतरीन रेडर थे. अपनी स्किल को निखारते हुए उन्होंने नेशनल गेम्स, फेडरेशन कप और नेशनल चैंपियनशिप जैसी कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया.
साल 2021 में आशु मलिक ने प्रोफेशनल कबड्डी की शुरुआत की. इसी साल उन्हें पहली बार प्रो कबड्डी लीग में खेलने का मौका मिला. सीजन 8 में आशु दबंग दिल्ली केसी के लिए खेले और टीम ने अपना पहला खिताब जीता. वह उस सीजन के उभरते हुए खिलाड़ियों में गिने गए.
पीकेएल का 10वां सीजन आशु मलिक के लिए बेहद खास रहा. चोटिल नवीन कुमार की अनुपस्थिति में उन्होंने दबंग दिल्ली केसी के मुख्य रेडर की भूमिका निभाई. 23 मुकाबलों में 276 रेड प्वाइंट्स के साथ आशु उस सीजन के सर्वश्रेष्ठ रेडर रहे. रेडिंग में ठीक इतने ही अंक jaipur पिंक पैंथर्स के खिलाड़ी अर्जुन देशवाल के भी थे.
आशु मलिक ने पीकेएल सीजन 10 का समापन 15 ‘सुपर 10’ और 14 ‘सुपर रेड्स’ के साथ किया. इसके साथ ही चार टैकल प्वाइंट्स भी हासिल किए, जिससे दबंग दिल्ली प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही, लेकिन खिताब नहीं जीत सकी.
साल 2024 में सीनियर नेशनल कबड्डी में गोल्ड मेडल जीत चुके आशु मलिक को लगातार दूसरे सीजन दबंग दिल्ली की कमान सौंपी गई है. सीजन 11 में उन्होंने टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था. उन्हें उम्मीद है कि इस बार दबंग दिल्ली खिताब अपने नाम करेगी.
बतौर खिलाड़ी आशु मलिक अपनी फिटनेस और डाइट का खासा ख्याल रखते हैं. सुबह प्रैक्टिस के बाद आशु बादाम का सेवन करते हैं. उनकी डाइट में हाई कैलोरी और हाई प्रोटीन शामिल होता है. वह खानपान को लेकर ट्रेनर से सलाह जरूर लेते हैं.
आशु का मानना है कि कबड्डी के खेल में अनुशासन बेहद जरूरी है. इसके साथ ही खिलाड़ी की मेंटल हेल्थ स्ट्रॉन्ग होनी चाहिए. खिलाड़ी को फिटनेस लेवल और डाइट का खासा ध्यान रखना चाहिए.
राकेश कुमार को अपना आदर्श मानने वाले आशु मलिक आज खुद युवा खिलाड़ियों के लिए आइडल हैं. जूनियर्स को भरपूर सपोर्ट करने वाले आशु उन्हें काफी मोटिवेट करते हैं.
आशु चाहते हैं कि कबड्डी और ज्यादा लोकप्रिय खेल बने. गांव से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफॉर्म मिले.
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आरएसजी
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