New Delhi, 14 अगस्त . बिहार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चुनाव आयोग और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बिहार यात्रा पर निकलेंगे. उनके इस कदम को पूर्व भाजपा सांसद सुशील सिंह ने बेवजह करार दिया है.
Thursday को से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की ओर से एसआईआर पर विरोध जताया जा रहा है, जबकि Supreme court ने चुनाव आयोग को वोटर वेरिफिकेशन का अधिकार दिया है. यह प्रक्रिया फर्जी और मृत मतदाताओं को हटाने के लिए है, जो मतदाताओं के अधिकारों का हनन नहीं है. वोटर वेरिफिकेशन के लिए 11 दस्तावेज मांगे गए. एसआईआर पर विपक्षी दलों के वकीलों ने याचिका लगाई. कोर्ट में सुनवाई के दौरान उनके सवालों का तार्किक जवाब दिया गया है.
आयोग ने विपक्षी दलों के वकीलों से पूछा है कि बताइए एसआईआर कैसे गलत है?
पूर्व भाजपा सांसद के अनुसार, एसआईआर बिल्कुल सही है. आयोग को अधिकार है कि वह वोटर वेरिफिकेशन करा सकता है. उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में जो फर्जी मतदाता हैं, जो मृत हैं या फिर बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में बसे हैं, उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर करना जरूरी है. एसआईआर के माध्यम से यह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ताओं को शर्म आनी चाहिए और देश और चुनाव आयोग से माफी मांगनी चाहिए.
पूर्व भाजपा सांसद ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सांसद मनोज झा के उस बयान को तालिबानी टिप्पणी करार दिया, जिसमें उन्होंने ‘वोट चोरी’ एसआईआर सहित तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार वाले बयान पर कहा था कि लोग चुनाव का बहिष्कार कर सकते हैं, जैसा कि बांग्लादेश में देखने को मिला. चुनाव आयोग से हाथ जोड़कर विनती की है कि वह बांग्लादेश के चुनाव आयोग को आदर्श न बनाएं और संवेदनशीलता दिखाएं. चुनाव आयोग को अपने इतिहास को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए.
मनोझ झा के इस बयान पर पूर्व भाजपा सांसद सुशील सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां तालिबानी बयानों जैसी हैं. यह एक संवैधानिक संस्था है और इस तरह की टिप्पणियां इसमें काम करने वाले अधिकारियों का मानसिक उत्पीड़न करने के समान हैं. मैं ऐसे बयानों की निंदा करता हूं.
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डीकेएम/केआर
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