टोक्यो, 30 सितंबर . पूरी दुनिया जानती है कि जापान में लम्बी और सेहतमंद जिंदगी जीने वालों की संख्या अच्छी खासी है. इस देश ने अपने बुजुर्गों के सम्मान में एक दिन समर्पित किया है, जिसका जापानी नाम ‘केइरो नो हि’ है. इस दिन को पब्लिक हॉलीडे के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है. ये हर साल सितंबर के तीसरे Monday को मनाया जाता है.
जापान टुडे के मुताबिक, इस वर्ष 15 सितंबर को, जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने घोषणा की कि लगातार 55वें साल रिकॉर्ड टूटा है. देश भर में 100 साल या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों की संख्या 99,800 से भी अधिक है. कई इलाकों में औपचारिक समारोह आयोजित किए गए और जापानी संस्कृति में महत्वपूर्ण आयु सीमा, जैसे 88 वर्ष (जिसे बेइजू कहा जाता है) और 99 वर्ष (जिसे हकुजू कहा जाता है) तक पहुंचने वालों को उपहार दिए गए.
लेकिन एक प्रांत ऐसा है जिसने रिवायत नहीं निभाई. इस वर्ष आइची प्रांत के ओकाजाकी शहर में कुछ वरिष्ठ नागरिकों के लिए चीजें थोड़ी अलग दिखीं क्योंकि शहर ने ‘बधाई राशि’ की परंपरा को ही खत्म कर दिया. इससे पहले स्थानीय अधिकारी बेइजू को 10,000 येन भेंट करते रहे हैं.
जापान में, महिलाओं की औसत आयु अब 87 वर्ष से अधिक हो गई है. वहीं ओकाजाकी में, हर चार में से एक व्यक्ति 65 वर्ष से अधिक का है. संभावना पूरी है कि आगे चलकर यह संख्या और बढ़ेगी. बेइजू को बधाई राशि न देकर, शहर का अनुमान है कि वह प्रति वर्ष लगभग 2 करोड़ येन बचा सकता है. विचार ये भी है कि इस राशि को स्वस्थ वरिष्ठ नागरिकों की संख्या बढ़ाने और अन्य उपायों के साथ-साथ उनकी देखभाल में निवेश करने पर केंद्रित करेगा.
जापानी मीडिया के मुताबिक स्थानीय निवासियों ने इस खबर पर मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की, खासकर उन लोगों की जो नकद उपहार से वंचित रह गए हैं. हालांकि सुकून की बात ये है कि हकुजू (99 साल) की उपलब्धि हासिल करने वालों को आर्थिक उपहार मिलते रहेंगे, इसलिए 88 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बस स्वस्थ रहने और धैर्य बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना होगा.
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केआर/
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