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गाल ब्लैडर स्टोन के लिए आयुर्वेदिक उपचार: गुडहल का पाउडर

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आयुर्वेद का चमत्कार

आयुर्वेद ने एक ऐसा अद्भुत उपचार प्रस्तुत किया है, जिसे देखकर एलोपैथी के चिकित्सक भी हैरान रह गए हैं। पहले जो डॉक्टर यह मानते थे कि गाल ब्लैडर स्टोन यानी पित्त की थैली की पथरी का निकलना संभव नहीं है, उनके लिए यह एक नई चुनौती बन गया है। यह उपचार कई मरीजों पर सफलतापूर्वक आजमाया गया है।


उपचार की लागत

इस उपचार की लागत 5000 से 10000 रुपये तक हो सकती है, जबकि इसकी असली कीमत केवल 30-40 रुपये है। यह विधि गाल ब्लैडर और किडनी दोनों प्रकार के स्टोन को निकालने में अत्यंत प्रभावी है।


डॉक्टर बिंदु प्रकाश मिश्रा का अनुभव

इस उपचार का परीक्षण डॉक्टर बिंदु प्रकाश मिश्रा पर किया गया, जो महर्षि दयानंद कॉलेज, परेल, मुंबई में मैथ के प्रोफेसर हैं। उनके गाल ब्लैडर में 21 MM का स्टोन 8 वर्षों से था, जिससे उन्हें बहुत दर्द हो रहा था। डॉक्टर ने उन्हें गाल ब्लैडर निकालने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने आयुर्वेद का सहारा लेने का निर्णय लिया। केवल 5 दिनों में उनका स्टोन गायब हो गया।


गुडहल का पाउडर: उपचार की विधि

गुडहल का पाउडर एक चम्मच रात को सोने से पहले, खाना खाने के 1-1.5 घंटे बाद गर्म पानी के साथ लें। यह थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन इसे खाना आसान है। इसके बाद कुछ भी खाना-पीना नहीं है। डॉक्टर मिश्रा के अनुसार, पहले दो दिन उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ, जो स्टोन के टूटने का संकेत था। 5 दिन बाद, स्टोन रेत में बदल गया।


अन्य मरीजों पर प्रयोग

डॉक्टर मिश्रा ने इस उपचार को एक दूधवाले और एक अन्य व्यक्ति पर भी आजमाया, जिनके स्टोन क्रमशः 8 mm और 10 mm थे। उन्हें बिना किसी दर्द के पूरी तरह से ठीक किया गया।


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सावधानियाँ

इस प्रयोग में कुछ सावधानियाँ बरतें: पालक, टमाटर, चुकंदर और भिंडी का सेवन न करें। यदि आपका स्टोन बड़ा है, तो यह टूटने के समय दर्द कर सकता है। पाठकगण अपने विवेक से इस उपचार को अपनाएँ।


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