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भारत की 8 सबसे चुनौतीपूर्ण धार्मिक यात्राएं: क्या आप तैयार हैं?

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धार्मिक यात्राओं की चुनौतियाँ

धार्मिक यात्रा पर जाने से पहले, यात्रियों को सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होती है। यदि आप भी धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इस वीडियो में जानें कि कौन सी यात्रा सबसे कठिन हो सकती है।


पंच केदार: सबसे कठिन यात्रा image

भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा पंच केदार मानी जाती है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित पांच मंदिरों का समूह है, जो लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर है। इस यात्रा में घने जंगलों और ऊँचाई वाले पहाड़ों को पार करना पड़ता है, जिससे श्रद्धालु कई बार रास्ता भटक जाते हैं।


कैलाश मानसरोवर: एक लंबी यात्रा

कैलाश मानसरोवर की यात्रा में 28 दिन लगते हैं और यहाँ पहुँचने का कोई सीधा मार्ग नहीं है। यह यात्रा मुख्यतः पैदल की जाती है और इसमें स्वास्थ्य संबंधी कई प्रतिबंध हैं। यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।


श्रीखंड महादेव: साहसिक यात्रा

श्रीखंड महादेव की यात्रा भारत की सबसे कठिन ट्रैकिंग में से एक है। यहाँ पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को 14000 फीट की ऊँचाई पर बर्फ से ढके ग्लेशियर को पार करना होता है।


हेमकुंड साहिब: ऊँचाई पर स्थित गुरुद्वारा

हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है और यह लगभग 16000 फीट की ऊँचाई पर है। यहाँ पहुँचने के लिए तीर्थयात्रियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।


अमरनाथ यात्रा: प्रसिद्ध धार्मिक यात्रा

अमरनाथ यात्रा हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। यह यात्रा 45 किलोमीटर की पैदल यात्रा है, जिसमें पहाड़ी चढ़ाई शामिल है।


केदारनाथ: चुनौतीपूर्ण यात्रा

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में स्थित है और यहाँ पहुँचने के लिए तीर्थयात्रियों को 23 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी होती है।


आदि कैलाश: अंतिम चुनौती

आदि कैलाश यात्रा समुद्र तल से 6638 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए लगभग 76 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।


आपकी पसंदीदा यात्रा

इनमें से आप किस धार्मिक यात्रा पर जाना चाहेंगे? हमें कमेंट के माध्यम से बताएं।


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