शहतूत एक स्वादिष्ट और ठंडा फल है, जो सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और प्यास बुझाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह पेट की जलन और कीड़ों को खत्म करने में भी सहायक है।
इस फल में विटामिन-ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम की भरपूर मात्रा होती है। जो लोग अम्लता, आमवात या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, उनके लिए शहतूत विशेष रूप से फायदेमंद है। शहतूत का रस औषधियों में रंग और सुगंध जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। चीन में, इसे गुर्दे की कमजोरी, थकान, खून की कमी और अचानक बाल सफेद होने पर दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
शहतूत का रस पीने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है और इसे सिर पर लगाने से बाल घने होते हैं। यह फल जवानी को बनाए रखने में भी मदद करता है।
शहतूत के दो प्रकार होते हैं: बड़ा शहतूत और छोटा शहतूत।
शहतूत के फायदे दूधवर्धक
रोजाना शहतूत का सेवन करने से दूध पिलाने वाली माताओं का दूध बढ़ता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन और ग्लूकोज की अच्छी मात्रा होती है.
गले में जलन
गले में जलन होने पर शहतूत का रस या शरबत पीने से राहत मिलती है.
गले में दर्द
गले के दर्द में आराम पाने के लिए शहतूत का शरबत पीना फायदेमंद होता है.
दिल की धड़कन
शहतूत का शरबत पीने से दिल की धड़कन सामान्य हो जाती है.
शरीर को उर्जावान बनाएं
1 मिलीलीटर शहतूत का रस गाय के दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है.
फोड़ा
शहतूत के पत्तों को पीसकर गर्म करके फोड़े पर बांधने से फोड़ा फट जाता है और घाव भर जाता है.
छाले
छालों और गल ग्रन्थिशोध में शहतूत का शरबत गरारे करने से लाभ होता है.
पित्तविकार
गर्मी के मौसम में दोपहर में शहतूत का सेवन पित्त और रक्त विकार को दूर करता है.
दाद, खुजली
शहतूत के पत्तों का लेप करने से दाद और खुजली में राहत मिलती है.
पेशाब का रंग बदलना
यदि पेशाब का रंग पीला हो, तो शहतूत के रस में चीनी मिलाकर पीने से रंग साफ हो जाता है.
लू, गर्मी
गर्मियों में लू से बचने के लिए रोजाना शहतूत का सेवन करना चाहिए, इससे पेट, गुर्दे और पेशाब की जलन दूर होती है.
मूत्रघात
शहतूत के रस में कलमीशोरा को पीसकर नाभि के नीचे लेप करने से पेशाब में धातु आना बंद हो जाता है.
कब्ज
शहतूत के छिलके का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं.
मुंह के छाले
1 चम्मच शहतूत के रस को 1 कप पानी में मिलाकर कुल्ली करने से मुंह के दाने और छाले ठीक हो जाते हैं.
अग्निमांद्यता
शहतूत के 6 कोमल पत्तों को चबाकर पानी के साथ सेवन करने से अपच में लाभ होता है.
पित्त ज्वर
पित्त बुखार में शहतूत का रस या शरबत पीने से प्यास, गर्मी और घबराहट दूर होती है.
शीतज्वर
गर्मी के मौसम में शहतूत खाने से पित्त की बीमारी में लाभ होता है.
पेट के कीड़े
शहतूत के पेड़ की छाल का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं.
खटमल
चारपाई पर शहतूत के पत्ते बिछाने से खटमल भाग जाते हैं.
टांसिलस के लिए
यदि टांसिलस बढ़ गए हों, तो गर्म पानी में शहतूत का रस मिलाकर गरारे करने से राहत मिलती है.
हृदय की निर्बलता
शहतूत का शरबत पीने से हृदय की कमजोरी दूर होती है.
शरीर में जलन
शहतूत का शरबत पीने से शरीर की जलन कम होती है.
कफ (बलगम)
शहतूत की छाल का काढ़ा या फल का रस सेवन करने से कफ खांसी दूर होती है.
कण्ठमाला के लिए
शहतूत का शरबत पीने से मुंह की सूजन और गण्डमाला की सूजन समाप्त हो जाती है.
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