प्रयागराज महाकुंभ में वसंत पंचमी के अवसर पर लाखों श्रद्धालु और साधु संत एकत्रित हुए हैं। संगम और अन्य गंगा घाटों पर स्नान का सिलसिला जारी है। वसंत पंचमी (3 फरवरी, 2025) तक शाम 4 बजे तक महाकुंभ में 1.98 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के मामले में सुरक्षा एजेंसियों को AI कैमरों की वीडियो मिली है, जिसमें कुछ संदिग्ध चेहरे नजर आ रहे हैं।
वसंत पंचमी के दिन अखाड़ों और अन्य श्रद्धालुओं ने सुबह से ही अमृत स्नान शुरू कर दिया था। पिछले हादसे को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। महाकुंभ के इस अवसर पर योगी सरकार ने पुष्प वर्षा भी करवाई, जिसमें हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई। मकर संक्रांति से शुरू हुए महाकुंभ में वसंत पंचमी तक लगभग 36 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं, और उम्मीद है कि यह संख्या जल्द ही 40 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
सुरक्षा इंतजाम और जांच
अखाड़ों ने यह बताया है कि यह उनका अंतिम अमृत स्नान है और इसके बाद वे वाराणसी जाने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, महाकुंभ का आयोजन जारी रहेगा। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद वसंत पंचमी पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए 28 स्ट्रैटेजिक प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां अनुभवी अधिकारियों की तैनाती की गई है।
मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच भी तेज कर दी गई है। UPSTF इस मामले की जांच कर रही है और भगदड़ के समय संगम घाट पर मौजूद मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, STF को AI कैमरों की जांच में 120 संदिग्ध चेहरे मिले हैं। पुलिस ने जिन चेहरों की पहचान की है, उनकी जांच की जाएगी।
सुरक्षा एजेंसियां घटना के समय की वीडियो की फोरेंसिक जांच करवा रही हैं। STF ने घटना के समय मौजूद 16 हजार मोबाइल नंबरों की भी जांच की है, जिनमें से कुछ नंबर महाकुंभ के बाद से बंद हैं। साधुओं ने भी इस घटना को लेकर चिंता जताई है और दुष्प्रचार पर चर्चा की है। मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच के लिए बनाए गए न्यायिक आयोग ने सभी पहलुओं की जांच करने का आश्वासन दिया है।