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क्या मंदिर में पितरों की तस्वीर रखना उचित है? प्रेमानंद जी महाराज का स्पष्टीकरण

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प्रेमानंद जी महाराज का परिचय

प्रेमानंद जी महाराज की सरलता और प्रभावशाली प्रवचन शैली के लिए जाने जाते हैं। आजकल, उनके विचार सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं। उनके वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, और उनके अनुयायी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी हैं। सत्संग के दौरान, महाराज जी जटिल प्रश्नों के उत्तर देते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पितृ पक्ष के समय, हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने और हमारी समस्याओं का समाधान करने के लिए पृथ्वी पर आते हैं।


क्या पितरों की तस्वीरें मंदिर में रखी जा सकती हैं? पितृ पक्ष का महत्व
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पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलता है, इस दौरान हम अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पितरों की तस्वीर को मंदिर या पूजा कक्ष में रखना चाहिए या नहीं? प्रेमानंद जी महाराज के विचार इस विषय पर महत्वपूर्ण हैं। कई लोग अपने घरों में पितरों की तस्वीरें लगाते हैं, और कभी-कभी ये तस्वीरें भगवान के सिंहासन के पास भी रखी जाती हैं।


प्रेमानंद जी महाराज का स्पष्ट उत्तर पितरों की तस्वीरें कहाँ लगानी चाहिए?
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हाल ही में, प्रेमानंद जी महाराज ने इस विषय पर चर्चा की। एक शिष्य ने उनसे पूछा कि क्या माता-पिता की तस्वीरें घर के मंदिर में रखी जा सकती हैं। उन्होंने उत्तर दिया कि यदि आपकी भावना यह है कि भगवान के साथ कोई समस्या नहीं है, तो यह उचित है।


माता-पिता की श्रद्धा भगवान जैसी श्रद्धा
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प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि यदि आपके जीवन में दैवीय भावनाएं हैं, तो माता-पिता की तस्वीरें सजाना गलत नहीं है। यदि आप सच्चे श्रद्धा से उनकी सेवा करते हैं, तो आप निश्चित रूप से भगवान की प्राप्ति कर सकते हैं।


पूर्वजों की पूजा का महत्व पूर्वजों का स्थान
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प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि यदि आप अपने माता-पिता की तस्वीरों को श्रद्धा के साथ रखते हैं और मानते हैं कि वे आपके भगवान हैं, तो यह उचित है।


ठाकुरजी के साथ पूर्वजों की तस्वीर भगवान के साथ पूर्वजों की तस्वीरें
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प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि यदि आप अपने माता-पिता की तस्वीरों को श्रद्धा के साथ रखते हैं, तो यह भगवान के साथ रखने में कोई समस्या नहीं है।


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