अगर सरकार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के लिए सरकारी बैंकों में इन्वेस्टमेंट लिमिट (FDI) बढ़ाकर 20% से 49% कर देती है, तो बैंकों को बड़े पैमाने पर फायदा हो सकता है। नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे छह बड़े सरकारी बैंकों - स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), कैनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में करीब 4 बिलियन डॉलर तक का निवेश आ सकता है। ब्रोकरेज का कहना है कि अगर यह खबर सच निकली, यानी सरकार FII की लिमिट बढ़ा देती है, तो पब्लिक सेक्टर के बैंक के शेयर आसानी से 20%-30% तक की बढ़त दिखा सकते हैं। इसका कारण यह है कि निवेशकों से इतनी बड़ी रकम आने की उम्मीद होगी और लोग शेयर खरीदने लगेंगे, जिससे बैंक के शेयरों की कीमत बढ़ जाएगी।
49% FDI लिमिट बढ़ने पर PSU बैंकों में संभावित निवेश
नुवामा के अनुमान के अनुसार, अगर सरकार विदेशी संस्थागत निवेश की लिमिट को 49% तक बढ़ा देती है, तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को लगभग 2,203 मिलियन डॉलर का निवेश मिल सकता है। इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 355 मिलियन डॉलर, कैनरा बैंक को 305 मिलियन डॉलर, यूनियन बैंक को 294 मिलियन डॉलर, बैंक ऑफ बड़ौदा को 362 मिलियन डॉलर और इंडियन बैंक को 459 मिलियन डॉलर तक का निवेश मिल सकता है। ब्रोकरेज के अनुसार, पैसिव इन्वेस्टमेंट का असर मुख्य रूप से MSCI इंडिसीज के जरिए होगा। इसका मतलब यह है कि जब FII लिमिट बढ़ती है, तो बड़े निवेशक और फंड अपने पोर्टफोलियो में इन बैंकों को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, यह असर तुरंत नहीं दिखाई देगा और कई रिव्यू साइकल्स में धीरे-धीरे नजर आएगा।
FDI लिमिट 26% बढ़ने पर संभावित निवेश
वर्तमान में, PSU बैंकों में FII का हिस्सा सिर्फ 4.5% से 12% के बीच है, जो मौजूदा 20% की लिमिट से काफी कम है। इसका मतलब है कि अभी यह लिमिट निवेश को रोक नहीं रही। नुवामा का कहना है कि अगर इसे 26% तक भी बढ़ाया जाए, तो इससे भी अच्छे खासे निवेश आ सकते हैं। उनके अनुमान के अनुसार, अगर FII लिमिट 26% तक बढ़ाई जाती है, तो प्रमुख बैंक लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का पैसिव इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट कर सकते हैं। इसमें SBI को 579 मिलियन डॉलर, इंडियन बैंक को 274 मिलियन डॉलर, बैंक ऑफ बड़ौदा को 99 मिलियन डॉलर, PNB को 94 मिलियन डॉलर, कैनरा बैंक को 78 मिलियन डॉलर और यूनियन बैंक को 70 मिलियन डॉलर तक का संभावित निवेश मिल सकता है।
49% FDI लिमिट की संभावना और शेयरों पर असर
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों में विदेशी निवेशकों को 49% तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। यह मौजूदा लिमिट से दोगुनी है। इस प्रस्ताव का मकसद सरकारी बैंकों को निजी बैंकों के करीब लाना है, जहां विदेशी निवेशकों को 74% तक की हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। इस खबर के बाद सरकारी बैंकों के शेयर में तेजी आई। नुवामा ने कहा कि नीति को मंजूरी मिलने और MSCI जैसे सूचकांकों में बदलाव देखने में 'कुछ क्वार्टर' का समय लग सकता है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि केवल इस उम्मीद से ही निकट भविष्य में इन बैंकों के शेयरों के प्राइस बढ़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
49% FDI लिमिट बढ़ने पर PSU बैंकों में संभावित निवेश
नुवामा के अनुमान के अनुसार, अगर सरकार विदेशी संस्थागत निवेश की लिमिट को 49% तक बढ़ा देती है, तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को लगभग 2,203 मिलियन डॉलर का निवेश मिल सकता है। इसके अलावा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को 355 मिलियन डॉलर, कैनरा बैंक को 305 मिलियन डॉलर, यूनियन बैंक को 294 मिलियन डॉलर, बैंक ऑफ बड़ौदा को 362 मिलियन डॉलर और इंडियन बैंक को 459 मिलियन डॉलर तक का निवेश मिल सकता है। ब्रोकरेज के अनुसार, पैसिव इन्वेस्टमेंट का असर मुख्य रूप से MSCI इंडिसीज के जरिए होगा। इसका मतलब यह है कि जब FII लिमिट बढ़ती है, तो बड़े निवेशक और फंड अपने पोर्टफोलियो में इन बैंकों को शामिल कर सकते हैं। हालांकि, यह असर तुरंत नहीं दिखाई देगा और कई रिव्यू साइकल्स में धीरे-धीरे नजर आएगा।
FDI लिमिट 26% बढ़ने पर संभावित निवेश
वर्तमान में, PSU बैंकों में FII का हिस्सा सिर्फ 4.5% से 12% के बीच है, जो मौजूदा 20% की लिमिट से काफी कम है। इसका मतलब है कि अभी यह लिमिट निवेश को रोक नहीं रही। नुवामा का कहना है कि अगर इसे 26% तक भी बढ़ाया जाए, तो इससे भी अच्छे खासे निवेश आ सकते हैं। उनके अनुमान के अनुसार, अगर FII लिमिट 26% तक बढ़ाई जाती है, तो प्रमुख बैंक लगभग 1.2 बिलियन डॉलर का पैसिव इन्वेस्टमेंट अट्रैक्ट कर सकते हैं। इसमें SBI को 579 मिलियन डॉलर, इंडियन बैंक को 274 मिलियन डॉलर, बैंक ऑफ बड़ौदा को 99 मिलियन डॉलर, PNB को 94 मिलियन डॉलर, कैनरा बैंक को 78 मिलियन डॉलर और यूनियन बैंक को 70 मिलियन डॉलर तक का संभावित निवेश मिल सकता है।
49% FDI लिमिट की संभावना और शेयरों पर असर
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों में विदेशी निवेशकों को 49% तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। यह मौजूदा लिमिट से दोगुनी है। इस प्रस्ताव का मकसद सरकारी बैंकों को निजी बैंकों के करीब लाना है, जहां विदेशी निवेशकों को 74% तक की हिस्सेदारी रखने की अनुमति है। इस खबर के बाद सरकारी बैंकों के शेयर में तेजी आई। नुवामा ने कहा कि नीति को मंजूरी मिलने और MSCI जैसे सूचकांकों में बदलाव देखने में 'कुछ क्वार्टर' का समय लग सकता है। लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि केवल इस उम्मीद से ही निकट भविष्य में इन बैंकों के शेयरों के प्राइस बढ़ सकते हैं।
डिस्क्लेमर : जो राय और सुझाव एक्सपर्ट/ब्रोकरेज देते हैं, वे उनकी अपनी सोच हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिदीं की राय नहीं होती।
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