नई दिल्ली: भारत के पेंट सेक्टर पर मशहूर ब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की तरफ से बड़ी खबर आई है। दरअसल, पिछले 4 सालों से आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ब्रोकरेज पेंट सेक्टर के प्रति नेगेटिव सेंटीमेंट रखें हुए था हालांकि अब ब्रोकरेज का मानना है कि पेंट इंडस्टरीज बेहतर हो रही है और यहां पर वैल्यूएशन भी निवेश के नजरिए से आकर्षक पॉइंट पर आ चुके हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि पिछले 1 साल में पेंट सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में 10% से 35% तक की गिरावट देखने को मिली है जिसके चलते इन कंपनियों का वैल्यूएशन अपनी उच्चतम स्तर से काफी नीचे आ चुका है जिस वजह से इन स्टॉक में फिर से तेजी आने की पूरी संभावना बन गई है।
कौन से स्टॉक्स बढ़िया?आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ब्रोकरेज ने पेंट सेक्टर में ऑपरेट करने वाली दो कंपनी एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स की रेटिंग पर फ्रेश अपग्रेड दिए हैं। ब्रोकरेज के द्वारा इन दोनों स्टॉक्स पर अपनी पुरानी रेटिंग रेड्यूस को अपग्रेड करके ऐड कर दिया है।
दोनों स्टॉक का वैल्यूएशन आकर्षकब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स कंपनी का वैल्यूएशन अपने हिस्टोरिकल एवरेज से एक स्टैंडर्ड डिविएशन नीचे ट्रेड कर रहा है इसलिए यहां पर रिस्क एंड रीवार्ड रेशों इन्वेस्टर्स के लिए सही है।
कितना चढ़ेगा भाव?ब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स के शेयर पर अपने टारगेट प्राइस को 2000 रुपए से बढ़ाकर के 2700 रुपए कर दिया है एशियन पेंट्स कंपनी का शेयर मंगलवार के दिन 1.22% की तेजी के साथ 2369 रुपए के लेवल पर बंद हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ बर्जर पेंट्स के शेयर पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने 515 रुपए के पुराने टारगेट प्राइस को बढ़ाकर के 650 रुपए कर दिया है बर्जर पेंट्स कंपनी का शेयर मंगलवार के दिन 0.5% की तेजी के साथ 594 रुपए के भाव पर कारोबार करके बंद हुआ है।
पेंट इंडस्ट्री के लिए पिछले 2 साल बुरेपेंट इंडस्ट्री के लिए पिछले 2 साल कुछ खास नहीं रहे हैं पूरी इंडस्ट्री के लिए कमजोर डिमांड के चलते कंपनियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इसके अलावा पेंट इंडस्ट्री में तेजी से कई सारी बड़ी कंपनियां प्रवेश कर रही हैं। जिस वजह से पुरानी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घट रही है।जिसका उदाहरण बिरला ग्रुप की कंपनी बिड़ला ओपस को देख सकते है। जो पेंट इंडस्ट्री में हाल में ही प्रवेश किया है जिसके बाद से खुद को विस्तार करने के लिए एडवर्टाइजमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पर बड़ा खर्च कर रही है।
इंडस्ट्री के फेवर में कुछ और फैक्टरकच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर पेंट कंपनियों को इनपुट लागत पर भारी खर्च करना पड़ता है जो इन कंपनियों के पक्ष में नहीं होता है हाल में ही ईरान इजरायल के बीच टेंशन बढ़ने की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ गई थी लेकिन अब मामला शांत होने की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत $70 प्रति बैरल के नीचे आ गई है यह फैक्टर भी वापस से पेंट कंपनियों के पक्ष में आ गया है।
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि पिछले 1 साल में पेंट सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में 10% से 35% तक की गिरावट देखने को मिली है जिसके चलते इन कंपनियों का वैल्यूएशन अपनी उच्चतम स्तर से काफी नीचे आ चुका है जिस वजह से इन स्टॉक में फिर से तेजी आने की पूरी संभावना बन गई है।
कौन से स्टॉक्स बढ़िया?आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ब्रोकरेज ने पेंट सेक्टर में ऑपरेट करने वाली दो कंपनी एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स की रेटिंग पर फ्रेश अपग्रेड दिए हैं। ब्रोकरेज के द्वारा इन दोनों स्टॉक्स पर अपनी पुरानी रेटिंग रेड्यूस को अपग्रेड करके ऐड कर दिया है।
दोनों स्टॉक का वैल्यूएशन आकर्षकब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स कंपनी का वैल्यूएशन अपने हिस्टोरिकल एवरेज से एक स्टैंडर्ड डिविएशन नीचे ट्रेड कर रहा है इसलिए यहां पर रिस्क एंड रीवार्ड रेशों इन्वेस्टर्स के लिए सही है।
कितना चढ़ेगा भाव?ब्रोकरेज आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी एशियन पेंट्स के शेयर पर अपने टारगेट प्राइस को 2000 रुपए से बढ़ाकर के 2700 रुपए कर दिया है एशियन पेंट्स कंपनी का शेयर मंगलवार के दिन 1.22% की तेजी के साथ 2369 रुपए के लेवल पर बंद हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ बर्जर पेंट्स के शेयर पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने 515 रुपए के पुराने टारगेट प्राइस को बढ़ाकर के 650 रुपए कर दिया है बर्जर पेंट्स कंपनी का शेयर मंगलवार के दिन 0.5% की तेजी के साथ 594 रुपए के भाव पर कारोबार करके बंद हुआ है।
पेंट इंडस्ट्री के लिए पिछले 2 साल बुरेपेंट इंडस्ट्री के लिए पिछले 2 साल कुछ खास नहीं रहे हैं पूरी इंडस्ट्री के लिए कमजोर डिमांड के चलते कंपनियों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। इसके अलावा पेंट इंडस्ट्री में तेजी से कई सारी बड़ी कंपनियां प्रवेश कर रही हैं। जिस वजह से पुरानी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी घट रही है।जिसका उदाहरण बिरला ग्रुप की कंपनी बिड़ला ओपस को देख सकते है। जो पेंट इंडस्ट्री में हाल में ही प्रवेश किया है जिसके बाद से खुद को विस्तार करने के लिए एडवर्टाइजमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पर बड़ा खर्च कर रही है।
इंडस्ट्री के फेवर में कुछ और फैक्टरकच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर पेंट कंपनियों को इनपुट लागत पर भारी खर्च करना पड़ता है जो इन कंपनियों के पक्ष में नहीं होता है हाल में ही ईरान इजरायल के बीच टेंशन बढ़ने की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ गई थी लेकिन अब मामला शांत होने की वजह से क्रूड ऑयल की कीमत $70 प्रति बैरल के नीचे आ गई है यह फैक्टर भी वापस से पेंट कंपनियों के पक्ष में आ गया है।
(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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