माइनिंग सेक्टर की कंपनी वेदांता ने अपने डिमर्जर की तारीख आगे बढ़ाई है. इसके पीछे कंपनी ने सरकारी प्रक्रिया में समय लगना बताई. वेदांता लिमिटेड ने मंगलवार को अपने नियोजित विभाजन की समयसीमा में विस्तार की घोषणा की, जिससे समय सीमा 30 सितंबर, 2025 की पूर्व कट-ऑफ डेट से बढ़कर 31 मार्च, 2026 हो गई. कंपनी ने लंबित अनुमोदन का हवाला दिया और कहा कि राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और कुछ सरकारी प्रक्रिया के कारण तारीख आगे बढ़ी.
वेदांता के डिमर्जर पर निवेशकों की नज़रेंवेदांता लिमिटेड के इस डिमर्जर में कई संस्थाओं में रि-बैलेंसिंग करना शामिल है, जिनमें वेदांता एल्युमीनियम मेटल लिमिटेड, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड, माल्को एनर्जी लिमिटेड और वेदांता आयरन एंड स्टील लिमिटेड शामिल हैं. व्यवस्था की योजना कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 230-232 के तहत कार्यान्वित की जा रही है, जो शेयरधारकों, लैंडर, नियामकों और एनसीएलटी से अनुमोदन के अधीन है.
Vedanta Ltd के शेयर प्राइस में बुधवार को मामूली गिरावट रही और वह 464.30 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 1.73 लाख करोड़ रुपए है. इसे डिविडेंड किंग स्टॉक कहा जाता है,क्योंकि इसकी डिविडेंड यील्ड 11.09% है. यह कंपनी अपने निवेशकों को बड़ा अमाउंट सिर्फ डिविडेंड के तौर पर देने के लिए जानी जाती है.
वेदांता लिमिटेड की एक्सचेंज फाइलिंग में क्या जानकारी दी गईकंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा कि निदेशक मंडल ने पहले ही समय सीमा 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2025 कर दी थी, लेकिन कुछ पूर्व शर्तें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं. इनमें योजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वैधानिक मंज़ूरियां और अनुमोदन शामिल हैं.
वेदांता ने अपनी फाइलिंग में कहा कि यह देखते हुए कि एनसीएलटी और कुछ सरकारी प्राधिकरणों की मंजूरी सहित योजना में पूर्ववर्ती शर्तें पूरी होने की प्रक्रिया में हैं. कंपनी के बोर्ड और परिणामी कंपनियों ने समयसीमा को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया है.
इस विस्तार से यह सुनिश्चित होता है कि कंपनी के पास विभाजन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय होगा. वेदांता ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि शर्तों को पूरा न करने के कारण योजना का कोई भी भाग अव्यावहारिक हो जाता है तो योजना के अन्य भाग वैध और प्रवर्तनीय बने रहेंगे.
वेदांता के डिमर्जर पर निवेशकों की नज़रेंवेदांता लिमिटेड के इस डिमर्जर में कई संस्थाओं में रि-बैलेंसिंग करना शामिल है, जिनमें वेदांता एल्युमीनियम मेटल लिमिटेड, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड, माल्को एनर्जी लिमिटेड और वेदांता आयरन एंड स्टील लिमिटेड शामिल हैं. व्यवस्था की योजना कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 230-232 के तहत कार्यान्वित की जा रही है, जो शेयरधारकों, लैंडर, नियामकों और एनसीएलटी से अनुमोदन के अधीन है.
Vedanta Ltd के शेयर प्राइस में बुधवार को मामूली गिरावट रही और वह 464.30 रुपए के लेवल पर बंद हुए. कंपनी का मार्केट कैप 1.73 लाख करोड़ रुपए है. इसे डिविडेंड किंग स्टॉक कहा जाता है,क्योंकि इसकी डिविडेंड यील्ड 11.09% है. यह कंपनी अपने निवेशकों को बड़ा अमाउंट सिर्फ डिविडेंड के तौर पर देने के लिए जानी जाती है.
वेदांता लिमिटेड की एक्सचेंज फाइलिंग में क्या जानकारी दी गईकंपनी ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा कि निदेशक मंडल ने पहले ही समय सीमा 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2025 कर दी थी, लेकिन कुछ पूर्व शर्तें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं. इनमें योजना के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वैधानिक मंज़ूरियां और अनुमोदन शामिल हैं.
वेदांता ने अपनी फाइलिंग में कहा कि यह देखते हुए कि एनसीएलटी और कुछ सरकारी प्राधिकरणों की मंजूरी सहित योजना में पूर्ववर्ती शर्तें पूरी होने की प्रक्रिया में हैं. कंपनी के बोर्ड और परिणामी कंपनियों ने समयसीमा को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया है.
इस विस्तार से यह सुनिश्चित होता है कि कंपनी के पास विभाजन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय होगा. वेदांता ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि शर्तों को पूरा न करने के कारण योजना का कोई भी भाग अव्यावहारिक हो जाता है तो योजना के अन्य भाग वैध और प्रवर्तनीय बने रहेंगे.
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