और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद गौतम गंभीर युग की शुरुआत मानी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के नए टेस्ट कप्तान बनने की रेस में सबसे आगे हैं और उन्हें हेड कोच का समर्थन है। अब कथित तौर पर भारत के हेड कोच गौतम गंभीर टीम इंडिया की कार्यवाही पर पूरा कंट्रोल चाहते हैं।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट में सुपरस्टार कल्चर को खत्म करने के इरादे से आए थे। इसके साथ ही उनका उद्देश्य 10 सूत्रीय नियम लाना था, जिसके तहत सभी खिलाड़ियों को जब भी मौका मिले, तो घरेलू क्रिकेट खेलना होगा। साथ ही किसी दौरे के दौरान खिलाड़ियों को खास तरीके से व्यवहार करना होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, ‘न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में हार और ऑस्ट्रेलिया में मिली हार को न दोहराने के लिए गंभीर ने बोर्ड से पूर्ण स्वायत्तता का अनुरोध किया है।’
गंभीर अकेले ही टीम की बागडोर संभालेंगेदावा किया जा रहा है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली को रेड बॉल क्रिकेट से बाहर करने में गौतम गंभीर ने अहम भूमिका निभाई। रोहित ने 7 मई को टेस्ट से संन्यास लिया, तो विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट को अलविदा कहने का फैसला किया। दोनों खिलाड़ियों ने इंग्लैंड दौरे से कुछ दिन पहले ये निर्णय लिया है, जिससे यह पता चलता है कि गंभीर और सेलेक्शन कमिटी के चेयरमैन अजीत अगरकर युवा टीम के साथ आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट में रवि शास्त्री-कोहली और राहुल द्रविड़-रोहित के बीच कोच-कप्तान के रिलेशन देखने को मिले, जिसमें टीम इंडिया ने सफलता हासिल की। हालांकि, गंभीर का मामला अलग नजर आ रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टीम चयन और अन्य मामलों में अब तक जितना दखल कप्तान का था, उतना गंभीर का था, लेकिन अब जब रोहित, कोहली और अश्विन रिटायर हो चुके हैं तो संभावना है कि गंभीर अकेले ही टीम की बागडोर संभालेंगे।
रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया है कि चूंकि शुभमन गिल अभी सिर्फ 25 साल के हैं, तो गंभीर के फैसलों पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकते, जबकि जसप्रीत बुमराह के मामले में ऐसा नहीं है। वह गंभीर के कॉल का जवाब दे सकते हैं। अनुभवी तेज गेंदबाज कथित तौर पर टेस्ट कप्तानी की रेस से बाहर हैं, क्योंकि उनके वर्कलोड को मैनेज करने की आवश्यकता है।
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