आकाश चोपड़ा का मानना है किभारतीय टीम प्रबंधन को मौजूदा एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह कब तक खेलेंगे, इस बात को गुप्त रखना चाहिए था। आपको बता दें कि पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से पहले भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह टॉप क्लास गेंदबाज सिर्फ तीन टेस्ट मैच में ही खेलेगा। चोपड़ा का मानना है कि भारत के लिए बेहतर होता अगर उन्होंने बुमराह को लेकर चिंता नहीं जताई होती।
इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में बुमराह के चोटिल होने के बाद से टीम मैनेजमेंट उनके वर्कलोड को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले चार टेस्ट मैचों में काफी मेहनत की थी। इसलिए सहयोगी स्टाफ बुमराह की फिटनेस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।
आकाश चोपड़ा का बड़ा बयानचोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, बुमराह ने कहा कि वह केवल तीन मैच खेलेंगे और मैं सोच रहा हूं कि क्या इसे बताना जरूरी था। इसे गुप्त क्यों नहीं रखा गया? हम अपनी टीम की घोषणा भी नहीं करते। तो दौरे की शुरुआत से पहले बार-बार यह दोहराना क्यों जरूरी था कि वह केवल तीन मैच खेलेंगे? उन्हें अनुमान लगाने दीजिए। आप जो टेस्ट मैच खेलना चाहें खेलें।
चोपड़ा ने कहा, आपने एक मैच खेला है और आपको पता है कि आप बाकी चार मैचों में से केवल दो ही खेल सकते हैं, जो अच्छी बात नहीं है। अगर आप दूसरा मैच भी खेलते हैं, तो आप तीन में से एक खेलेंगे। इसलिए अचानक से विपक्षी टीम के दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि बुमराह, जो आपकी सबसे बड़ी ताकत है, भी टीम में नहीं है। आप उसी हिसाब से पिच तैयार कर सकते हैं।
पूर्व भारतीय ओपनर ने भारत के तेज गेंदबाजी रिसोर्स के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के महत्व पर जोर दिया। चोपड़ा ने कहा कि शमी अपने करियर के अंतिम चरण में हैं। इस बीच, उन्होंने यह भी कहा कि सिराज ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन वह बुमराह या शमी के स्तर तक नहीं पहुंच पाये हैं।
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