जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत की पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई और दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान कई हथियारों की चर्चा हुई थी. इसमें से एक 'आकाशतीर' एयर डिफ़ेंस सिस्टम भी है.
दरअसल, समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख समीर वी कामत ने "भारत की स्वदेश निर्मित 'आकाशतीर' वायु रक्षा प्रणाली ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बहुत अच्छा प्रदर्शन किया."
वहीं, भी भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान 'आकाशतीर' की महत्ता के बारे में बताया.
आख़िर 'आकाशतीर' क्या है, ये कैसे काम करता है और 'आकाशतीर' को लेकर सरकार ने क्या कहा है?

'आकाशतीर' को लेकर कहा था, "दुश्मन (पाकिस्तान) के मिसाइलों और ड्रोन की बौछार को इसने रोक दिया."
"पाकिस्तान ने भारतीय सेना और नागरिक क्षेत्रों पर जब हमला किया था तब आकाशतीर ने हर आने वाली मिसाइल (प्रक्षेपास्त्र) को रोक कर बेअसर कर दिया."
दरअसल, 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई जगहों पर हमले किए.
इसको लेकर भारत सरकार ने कहा था कि उसने चरमपंथी ठिकानों को निशाना बनाया है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी हमला किया और दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम तक सैन्य संघर्ष चला.
ये भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने बयान जारी कर 'आकाशतीर' की कई बताई हैं.
सरकार ने कहा है, "आकाशतीर स्वचालित एयर डिफेंस कंट्रोल और रिपोर्टिंग सिस्टम है, जो दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों का पता लगाने, ट्रैक करने और उनसे निपटने में सक्षम है."
सरकार ने अपने बयान में कहा, "पाकिस्तान अपने आयातित एचक्यू-9 और एचक्यू-16 प्रणालियों पर निर्भर था जो भारतीय हमलों का पता लगाने और उन्हें रोकने में बुरी तरह नाकाम रहे. आकाशतीर ने वास्तविक समय के आधार पर स्वचालित वायु रक्षा युद्ध में भारत के वर्चस्व को प्रदर्शित और स्थापित कर दिया."
"आकाशतीर ने दिखा दिया कि वह दुनिया के किसी भी अस्त्र को अधिक तेज़ी से देखता है, निर्णय लेता है और हमला नाकाम कर देता है."
'आकाशतीर' कैसे काम करता है?भारत सरकार ने बताया कि आकाशतीर सी4आईएसआर (कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशन, कंप्यूटर, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनिसेंस) फ्रेमवर्क का हिस्सा है. ये अन्य सिस्टम के साथ मिलकर काम करता है.
सरकार का कहना है कि आकाशतीर में लगे सेंसर में टैक्टिकल कंट्रोल रडार रिपोर्टर, 3डी टैक्टिकल कंट्रोल रडार, लो-लेवल लाइटवेट रडार और आकाश हथियार प्रणाली रडार शामिल हैं.
सरकार ने कहा, "आकाशतीर के साथ तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौ सेना) का समन्वय रहता है. इससे अपने ही लक्ष्यों पर ग़लती से हमला करने का जोखिम भी कम हो जाता है. वाहन पर रखे जाने के कारण आकाशतीर अत्यधिक गतिशील रहता है और इसलिए दुर्गम और सक्रिय युद्ध क्षेत्रों में तैनाती के लिए यह सर्वोत्तम है."
केंद्र सरकार का दावा है कि यह तेज़ी से देखने, निर्णय लेने और दुनिया भर में किसी भी अन्य प्रणाली की तुलना में तेज़ी से हमला करने में सक्षम है.

हमने पहले ही बताया कि 'आकाशतीर' एयर डिफ़ेंस सिस्टम है. दरअसल, एयर डिफ़ेंस सिस्टम यानी एक ऐसा सैन्य तंत्र है, जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और अन्य हवाई ख़तरों से किसी देश की वायु सीमा की सुरक्षा करता है.
इस प्रणाली में रडार, सेंसर, मिसाइल और गन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा करके हवाई ख़तरों का पता लगाकर और फिर उन्हें ट्रैक कर नष्ट करने के लिए कार्रवाई की जाती है.
एयर डिफ़ेंस कई चरणों में काम करता है. जैसे कि ख़तरे का पता लगाना, ख़तरे को ट्रैक करना और उसे नुक़सान पहुंचाने से पहले समाप्त करना इसमें शामिल है.
किसी भी देश के एयर डिफ़ेंस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य हवाई हमलों से लोगों और सैन्य ठिकानों की रक्षा करना है.
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