सिंधु जल समझौते को लेकर दिए गए अपने बयान पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन ने बीबीसी से बातचीत में अपनी सफ़ाई दी है. भारत में उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी.
बिलावल भुट्टो ने कहा कि रैली में उन्होंने 'आम पाकिस्तानी जनता की भावनाओं' को ही दोहराया था. बीते शुक्रवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सुक्खर में आयोजित एक रैली में बिलावल भुट्टो ने भारत का ज़िक्र करते हुए कहा था कि 'या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून बहेगा.'
इस बयान पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली. भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत कई बड़े नेताओं ने तीख़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
ने कहा, "ऐसी धमकियों से हम थोड़े ही डरते हैं.. "
वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए , "वो पहले अपनी मेंटल कंडीशन चेक करा लें. बहुत हो गया.. क्या क्या बयान दे रहे हैं. "
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में एक स्थानीय कश्मीरी पोर्टर समेत 26 लोग मारे गए थे.
इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा समाप्त करने और 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने समेत कई कड़े फ़ैसले लिए. दोनों देशों ने एक दूसरे के विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं.
पिछले कुछ दिनों से कश्मीर को विभाजित करने वाली लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर भारत और पाकिस्तान के बीच फ़ायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. भारतीय अधिकारियों ने भी कहा है कि पाकिस्तानी सैनिक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फ़ायरिंग कर रहे हैं.

बिलावल भुट्टो ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान पर भारत के आरोपों को ख़ारिज किया.
पाकिस्तान में बीबीसी के संवाददाता अज़ादेह मोशीरी से उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
बिलावल भुट्टो ने कहा, "प्रधानमंत्री पहले ही पाकिस्तान में निष्पक्ष जांच की पेशकश कर चुके हैं. हमने, दुनिया भर के कई अन्य देशों के उलट, वास्तव में अपना सबक सीखा है और अतीत में लगे इन आरोपों के संदर्भ में, पाकिस्तान ने भी आंतरिक सुधार किए हैं."
उन्होंने कहा, "इतना ही नहीं मेरे विदेश मंत्री बनने से पहले, पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ की ग्रे लिस्ट में था. जब मैं विदेश मंत्री था, तब पाकिस्तान एफ़एटीएफ़ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकल गया, जिसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी स्वीकार करता है कि आज की तारीख़ में पाकिस्तान का ऐसे किसी भी समूह से कोई संबंध नहीं है."
मनी लॉन्ड्रिंग और चरमपंथ को मिलने वाली आर्थिक सहायता पर नज़र रखने वाली वैश्विक संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफ़एटीएफ़) है. पाकिस्तान जून 2018 से इस लिस्ट का हिस्सा था और साल 2022 में इसे ग्रे लिस्ट से हटा लिया गया.
ये पूछे जाने पर कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में अभी भी लश्कर, तालिबान, जेईएम मौजूद हैं.
उन्होंने कहा, "मैं विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के डिटेल्स और उससे जुड़े मुद्दे को काट नहीं रहा हूं. जो मैं कहना चाह रहा हूं वह ये कि पाकिस्तान ने अपने सबक लिए हैं, अब वह अतीत के पुराने अध्याय से आगे जा चुका है."
संवाददाता अज़ादेह मोशीरी ने पूछा, "भारत आरोप लगा रहा है कि पाकिस्तान बिना उकसावे के लाइन ऑफ़ कंट्रोल पर फ़ायरिंग कर रहा है, पाकिस्तान इसका जवाब क्यों नहीं दे रहा?"
बिलावल भुट्टो ने इस सवाल के जवाब में कहा, " कब्ज़े वाले कश्मीर में जिस तरह का आतंकी हमला हुआ है या लाइन आफ़ कंट्रोल पर फ़ायरिंग शुरू करके पाकिस्तान को क्या फ़ायदा होने वाला है?"
"मैं बेशक जानता हूं कि पाकिस्तान भारत की ओर से फ़ायरिंग का बस जवाब दे रहा होगा. असल में आख़िरकार इस समय भारतीय पक्ष भावुक है. यह भारतीय पक्ष है जो इस समय अतार्किक हो रहा है."
"मेरा मानना है कि पाकिस्तान ने इन समूचे बेतुके आरोपों का बहुत शांत रह कर जवाब दिया है."
बयान पर सफ़ाई
अज़ादेह मोशीरी ने पूछा, "क्या अभी आप भावुक महसूस नहीं करते? क्योंकि आपने पिछले सप्ताह जल बंटवारा संधि के एकतरफ़ा निलंबन पर टिप्पणी की थी. भारत का ज़िक्र करते हुए आपने कहा था कि या तो पानी बहेगा या खून. क्या आपको लगता है कि जब तनाव इतना बढ़ा हो तो यह ग़ैर भावुक और शांत प्रतिक्रिया देने का तरीक़ा है?"
बिलावल भुट्टो ने इसपर कहा, "मैं सीमा पर हाथ में बंदूक लिए नहीं खड़ा हूं. मैं सरकार में कोई पद भी नहीं संभाल रहा हूं. भारत ने जब इस संधि का उल्लंघन किया उसके दूसरे दिन मैं सिंधु नदी के किनारे एक राजनीतिक रैली को संबोधित कर रहा था."
"सत्ता में जो सरकार है उसने कहा कि सिंधु जल संधि से अलग होने को लागू करने का कोई भी फ़ैसला जंग का एलान माना जाएगा. मुझे यकीन है कि आपको पता ही होगा कि जब जंग होती है तो ख़ून बहता है."
"हमारे पास कोई नदी नहीं है जिसे भारत के जवाब में बंद किया जाए. इसका मतलब है कि अगर पाकिस्तान के लोगों के ख़िलाफ़ भारत पानी को हथियार बनाता है तो इसका अर्थ जंग की कार्रवाई होगी."
बिलावल भुट्टो ने पहलगाम हमले के बाद सुक्खर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने एक बार फिर सिंधु नदी पर हमला किया है.
उन्होंने कहा कि कश्मीर में एक चरमपंथी हमला हुआ है, जिसका इल्ज़ाम पाकिस्तान पर लगाया जा रहा है.
, "भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कमज़ोरी छिपाने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं."
बिलावल भुट्टो ने कहा, "मैं भारत से ये कहना चाहूंगा कि सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी. या तो इस नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका ख़ून. ये संभव नहीं है कि एक दिन आप ये कहें कि सिंधु जल संधि आपको मंज़ूर नहीं है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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