अगर किसी व्यक्ति से पांच मिनट तक हाथ ऊपर रखने को कहा जाए तो उसका हाथ दर्द करने लगता है। उसे हाथ नीचे करना पड़ता है। वहीं जावाल के एक संत ने 17 साल पहले हठयोग के तहत अपना एक हाथ ऊपर उठाया था। उन्होंने आज तक इसे नीचे नहीं किया। सिरोही जिले के जावाल के संत रामगिरी आज 67 साल के हो चुके हैं। उनका कहना है कि आठ साल की उम्र में ही उनके मन में वैराग्य आया और उन्होंने संन्यास ले लिया।
करीब 17 साल पहले जब उनके मन में कठिन तपस्या करने की इच्छा हुई तो उन्होंने भगवान की भक्ति में अपना हाथ ऊपर उठाया। भगवान की कृपा और आशीर्वाद से उन्होंने आज तक अपना हाथ नीचे नहीं किया। परिवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं संत हूं। दुनिया का हर व्यक्ति मेरा परिवार है। आप भी मेरे परिवार हो। भगवान गणेश और महादेव समेत सभी मेरे हैं।
नहीं खाते अन्न
तपस्या करने वाले संत अन्न भी नहीं खाते। उन्होंने बताया कि वे सिर्फ पानी पीते हैं। इसके अलावा काली चाय पीते हैं। बिना भोजन के रहने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैंने कई वर्षों तक बिना कुछ खाए-पीए एक संत की तरह जीवन जिया है। भक्ति और ईश्वर की शक्ति से मैं भी कई वर्षों से बिना भोजन के रह रहा हूं।"
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