राजस्थान एसआई पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है। हाल ही में हुई सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट ने एसओजी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। जिसमें कहा गया था कि पहले एसओजी कह रही थी कि वह भर्ती में सही और गलत की पहचान नहीं कर सकती, लेकिन अब वही एजेंसी कह रही है कि वह दोषियों को सुलझा सकती है। वहीं, 14 जुलाई को हुई सुनवाई में उन्होंने एसओजी पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि क्या एसओजी ने सरकार की मंजूरी के बिना एसआई भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है।
दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता ए.के. शर्मा ने दलील में कोर्ट को बताया था कि 19 मार्च 2024 को एसओजी ने प्रशिक्षु सब-इंस्पेक्टरों की अचानक परीक्षा ली थी, जिसमें केवल 50 अभ्यर्थी ही फेल हुए थे। शर्मा ने सवाल उठाया था कि जब इतने कम लोग फेल हुए तो पूरी भर्ती रद्द करना उचित नहीं है।
17 जुलाई को भी हुई सुनवाई
एसआई भर्ती मामले की 17 जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। यह सुनवाई जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ में हुई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान आरपीएससी की ओर से वकील मिर्जा फैजल बेग ने अपना पक्ष रखा। जिसमें कोर्ट के सवालों पर भर्ती प्रक्रिया और सदस्यों की नियुक्ति की जानकारी दी गई। साथ ही, कोर्ट में पेपर देने के लिए पेपर की छपाई को लेकर उन्होंने सख्ती से पूछा कि क्या पेपर सरकारी या निजी प्रेस में छपा है। इस पर आरपीएससी ने जवाब दिया कि यह निजी प्रेस में छपा है। साथ ही कहा कि यह छपाई विश्वसनीय और प्रतिष्ठित है।
एसआई पेपर लीक मामले में मीडिया रिपोर्टिंग रोकने की मांग
17 जुलाई को हुई सुनवाई में सरकार ने एसआई पेपर लीक मामले की मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर कोर्ट में आपत्ति जताई। साथ ही, कोर्ट से मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की भी मांग की गई। हालांकि, कोर्ट ने सरकार की इस मांग को ठुकरा दिया। कोर्ट ने कहा कि यह पूरा मामला जनहित से जुड़ा है, ऐसे में मीडिया पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अब मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 22 जुलाई को होगी।
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