चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा शुक्रवार को वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत जयपुर के प्राचीन गलता जी मंदिर परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान जल स्रोतों की सफाई, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई गतिविधियां संचालित की गईं।
कार्यक्रम की शुरुआत मंदिर परिसर में मानव श्रृंखला बनाकर जल संरक्षण की शपथ से हुई। इसके बाद विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंदिर स्थित जल कुंडों से मिट्टी और कचरा निकालने का श्रमदान किया। यह पहल मंदिर परिसर की साफ-सफाई और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।
जल कुंडों की सफाई के साथ चला स्वच्छता संदेशजल कुंडों की सफाई के दौरान उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि प्राकृतिक जल स्रोतों की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। गलता जी जैसे धार्मिक स्थलों पर स्थित जल कुंड न केवल आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि ये प्राकृतिक जल संरक्षण के प्रतीक भी हैं।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में रोपे गए पौधेकार्यक्रम के दौरान "एक पेड़ मां के नाम" पहल के अंतर्गत पौधरोपण भी किया गया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी माताओं की स्मृति में पौधे रोपे और उन्हें संरक्षित रखने का संकल्प लिया। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से लोगों को प्रकृति से जोड़ने का कार्य भी करती है।
अधिकारियों ने दिया पर्यावरण और जल की रक्षा का संदेशचिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जल और पर्यावरण की रक्षा के लिए जन-भागीदारी और संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है। यह अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को जोड़ने वाला एक जन आंदोलन है।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे जल संरक्षण, स्वच्छता और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएं ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और स्वच्छ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
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