मुंबई । ठाणे शहर में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और यातायात पुलिस ने ठाणे शहर में छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रहे अवैध निजी स्कूल वैन चालकों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई शुरू की है। पिछले छह दिनों में 202 वाहनों की जाँच की गई, जिनमें से 47 वाहन बिना किसी वैध लाइसेंस के छात्रों को स्कूल ले जाते पाए गए।
हालाँकि छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल वाहनों में प्राथमिक चिकित्सा किट, जीपीएस सिस्टम, अग्निशामक यंत्र, उचित बैठने की व्यवस्था, अधिकृत चालक और फिटनेस प्रमाणपत्र होना अनिवार्य है, फिर भी ये वाहन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यह देखा गया है कि कुछ वाहनों में छात्रों को सचमुच ले जाया जा रहा है। दस्तावेज़ों, बीमा, करों और फिटनेस की कमी व्यापक रूप से पाई गई है।
हाल ही में हुई दुर्घटनाओं से पता चला है कि निजी वैन में छात्रों का सफर जानलेवा हो सकता है। अतः इस संदर्भ में, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी हेमांगिनी पाटिल और पुलिस उपायुक्त (यातायात शाखा) पंकज शिरसाठ के मार्गदर्शन में शुरू किया गया यह अभियान और भी तेज़ी और सख्ती से चलाया जा रहा है। एक विशेष टीम ने सुबह ठाणे के वागले इस्टेट, कोपरी, घोड़बंदर, माझीबाड़ा और कलवा इलाकों में निरीक्षण अभियान जारी रखा है। अभियान के बाद, कई वैन चालकों ने निजी स्कूल बस चालकों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है।
ठाणे में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रोहित काटकर का कहना है कि, "छात्रों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अवैध रूप से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है और यह अभियान जारी रहेगा।"
एक प्रत्यक्षदर्शी और समाजसेवी प्रशांत सिनकर ने बताया कि एक वैन में 15 से 18 बच्चे ठूंस-ठूंस कर भरे होते हैं कि लगता है कहीं बच्चों का दम न घुट जाए।हमें वाहन चलाने वाले व्यक्ति की उम्र, पृष्ठभूमि, लाइसेंस... का पता नहीं होता है। "इसलिए अभिभावकों को समय पर स्कूल पहुँचने के विकल्प के रूप में ऐसे वाहनों को स्वीकार करना पड़ता है।
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